गिरिडीह, मृणाल कुमार : गिरिडीह जिले में बालू माफिया और टास्क फोर्स के बीच लुका-छिपी का खेल चल रहा है. बालू माफियाओं के खिलाफ टास्क जब भी कार्रवाई की जाती है तो बालू माफिया शांत हो जाते है, लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से बालू माफिया नदियों से बालू का उठाव शुरू कर देते हैं. जिले के एकमात्र उसरी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए एक ओर जहां जिला प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है, दूसरी ओर विभिन्न सामाजिक संगठनों भी इसके लिए सक्रिय हैं. इसके बाद भी बालू माफिया लगातार नदी से बालू का उठाव कर रहे हैं. जिला टास्क फोर्स की कार्रवाई धीमी होते ही बालू माफिया इसका फायदा उठाने लगते हैं.
बालू का रेट बढ़ने से लोगों में नाराजगी
शहरी क्षेत्र के विभिन्न बालू घाटों से दिन-रात बालू का उठाव हो रहा है. बालू माफिया नदी से अवैध रूप से बालू खनन कर ट्रक और ट्रैक्टर से सुबह होते ही बिक्री के लिए भेज देते हैं. रोक का बहाना बनाकर बालू व्यवसायी से महंगी दर पर बालू की बिक्री कर रहे हैं. मजबूरी में लोग बालू खरीद भी रहे हैं. शहरी क्षेत्र के जिला के लगभग सभी घाटों से अवैध रूप से बालू का उठाव हो रहा है. बालू माफिया सरकारी योजनाओं की आड़ में बालू की तस्करी करते हैं. शहरी क्षेत्र के विभिन्न घाटों से वर्तमान में प्रति ट्रैक्टर 1000 से 1200 रुपये में बालू की बिक्री की जा रही है. बालू का रेट बढ़ने से लोगों में काफी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि जब बालू का उठाव पर रोक है, तो फिर गिरिडीह में इस पर क्यों नहीं रोक लगायी जाती है.
सुबह होते ही इन घाटों पर शुरू हो जाता है बालू उठाव
गिरिडीह मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के झरियागादी, गरहाटांड़, उदनाबाद उसरी नदी बालू घाट, बराकर नदी, अरगाघाट, शास्त्रीनगर घाट, भंडारीडीह, सिहोडीह, रानीखावा, बनखंजो व मोतीलेदा बालू घाट के अलावा अन्य बालू घाटों से उठाव हो रहा है. रात-दिन खुदाई कर नदी घाट पर बालू डंप किया जाता है. फिर उसे डिमांड के अनुरूप ट्रैक्टर एवं ट्रक के माध्यम से भेजा जाता है. मुफस्सिल थाना इलाके के गरहाटांड़ में तो बालू माफियाओं बड़े पैमाने पर खुले मैदान में बालू को डंप कर रखा है. जब प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है तो डंप बालू की ही आपूर्ति ट्रैक्टर के माध्यम से की जाती है.
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उसरी नदी के साथ-साथ कई पुलों पर मंडरा रहा है खतरा
गिरिडीह शहर में बहने वाली उसरी नदी यहां की जीवनरेखा मानी जाती है. लेकिन, लगातार बालू उठाव के कारण नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है. साथ ही नदी पर बने पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है.
पुलिस कर्मियों को चढ़ावा देने का आरोप
बनखंजों बालू घाट से बालू का उठाव करने वाले एक ट्रैक्टर मालिक ने बताया कि बालू उठाव के बाद पैंथर के जवानों से लेकर पेट्रोलिंग टीम को भी चढावा देना पड़ता है. इसके बाद गाड़ी नदी से निकलती है. बताया कि पचंबा व मुफस्सिल थाना की पेट्रोलिंग टीम 500-500 एवं नगर थाना की पेट्रोलिंग टीम 600 रुपये प्रति ट्रैक्टर प्रतिदिन लेती है. इसके अलावे पैंथर के जवान को प्रतिदिन 100 रुपये प्रति ट्रैक्टर लेते हैं. सुबह छह बजे से 11 बजे तक पैंथर के जवान मौजूद रहते हैं. इसके बाद यदि टीम छापेमारी कर ट्रैक्टर को जब्त करती है, तो जुर्माना के साथ चढ़ावा चढ़ना पड़ता है.
गाड़ी पकड़ कर छोड़ने का भी चल रहा है खेल
इधर, शहरी क्षेत्र में बालू लदी गाड़ी पकड़ कर छोड़ने का भी सिलसिला खुलेआम चल रहा है. मुफस्सिल व पचंबा थाना क्षेत्र में इसे देखा जा सकता है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिरसिया से लगातार तीन दिनों तक बालू लदे ट्रैक्टर को सुबह में एक पुलिस पदाधिकारी पकड़ा और मोटी रकम लेकर छोड़ दिया. यह खेल सिहोडीह में चल रहा है.
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पंचायतों को मिला है 15 घाटों का जिम्मा
जिला प्रशासन ने जिले के 15 घाटों से बालू उठाव करने का अधिकार पंचायतों दिया है. लेकिन, मात्र छह प्रखंडों को ही लाभ मिल सकेगा. शेष प्रखंडों को अब भी इन छह प्रखंडों पर ही आश्रित रहना होगा. कैटेगरी वन के तहत चयनित जिला की छोटी-छोटी नदी घाटों से बालू का उठाव कर स्थानीय स्तर की योजनाओं के क्रियान्वयन में राहत तो मिल गयी है, लेकिन जिन घाटों को बालू उठाव के लिए चिह्नित किया गया है, वहां से दूर की पंचायतों को अब भी बालू के लिए परेशानी हो रही है. प्रशासन ने गिरिडीह प्रखंड के कुबरी नदी के डिलीबाद घाट, बोरी नदी का खावा घाट, कुबरी नाला का नावाडीह और पिंडाटांड़ घाट, तिनकोनिया ढाब नाला का गादी घाट, बेंगाबाद प्रखंड के चोरगोतवा नदी का चनकियारी और गमरिया घाट, मुंगो नदी का अरतोका घाट, चोरगोता नाला का बसमता और बालीडीह घाट, जमुआ के पतरो नदी का सुखनूडीह घाट, छनुआ नाला का मधवा घाट, बुढ़िया नाला का कुंदाईडीह घाट, गावां प्रखंड के मंझने नाला का मंझने घाट, चरहा नाला का गावां घाट, लिखर नाला का कानीकेंट और घासी घाट शामिल है.
182 प्राथमिकी, एक करोड़ 30 लाख जुर्माना वसूला गया : डीएमओ
डीएमओ सतीश नायक ने बताया कि बालू तस्करी के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. 2022 से लेकर अभी तक 182 प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. कुल एक करोड़ 30 लाख का जुर्माना वसूला गया है. वहीं, 251 वाहन जब्त किये गये हैं. बताया कि उपायुक्त द्वारा सभी थाना प्रभारी और सभी सीओ को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है. जिला टास्क फोर्स भी सूचना पर कार्रवाई करती है.