Gandhi Jayanti 2020 : …जब महात्मा गांधी हो गये थे सरायकेला के छऊ नृत्य के कायल, बोले-वृंदावन में होने की हो रही अनुभूति
Gandhi Jayanti 2020 : सरायकेला (शचींद्र कुमार दाश) : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादें सरायकेला के विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य के साथ जुड़ी हुई हैं. जब गांधी जी ने पहली बार छऊ नृत्य देखा था, तो वे इसके कायल हो गये थे. उन्होंने कहा था कि उन्हें वृंदावन में होने की अनुभूति हो रही है.
Gandhi Jayanti 2020 : सरायकेला (शचींद्र कुमार दाश) : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादें सरायकेला के विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य के साथ जुड़ी हुई हैं. जब गांधी जी ने पहली बार छऊ नृत्य देखा था, तो वे इसके कायल हो गये थे. उन्होंने कहा था कि उन्हें वृंदावन में होने की अनुभूति हो रही है.
कोलकाता में शरत चंद्र बोस के घर पर 1937 में सरायकेला राजघराने की अगुवाई में रोयल डांस ग्रुप का छऊ नृत्य कार्यक्रम आयोजित हुआ था. राजघराने के कुंअर विजय प्रताप सिंहदेव, राजकुमार सुधेंद्र नारायण सिंहदेव, नाटशेखर बन बिहारी पट्टनायक ने अपने टीम के साथ गांधी जी के सामने नृत्य प्रस्तुत किया था.
इस टीम में शहनाई वादक के रुप में मुस्लिम समुदाय के छोटे मियां, बड़े मियां व ढोलक वादक के रूप में दलित समुदाय के मधु मुखी शामिल थे. दलित युवक के ढोलक की थाप पर राजकुमारों को नाचते देख महात्मा गांधी चकित रह गये थे. इस टीम के द्वारा प्रस्तुत किये गये राधा-कृष्ण नृत्य के संबंध में गांधी जी ने पहली टिप्पणी की थी कि नृत्य देखते वक्त ऐसी अनुभूति हो रही थी कि मानो मैं वृंदावन में हूं और मेरे सामने राधा कृष्ण नृत्य कर रहे हों.
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नृत्य देखने के बाद गांधी जी ने राजघराने के कुंअर विजय प्रताप सिंहदेव, राजकुमार सुधेंद्र नारायण सिंहदेव, नाटशेखर बन बिहारी पट्टनायक के नृत्य की काफी प्रशंसा की थी. इसका जिक्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुस्तक इटालियन इंडिया व देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुस्तक में भी किया गया है.
Posted By : Guru Swarup Mishra