Gandhi Jayanti 2023: गांधी जयंती यानि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाया जाता है.अगर आप भी गांधी जी को अपना आदर्श मानते हैं, तो आपको एक बार लाइफ में इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए.इन जगहों पर जाकर आपको गांधी जी को करीब से जानने का मौका मिलेगा.
पोरबंदर
पोरबंदर वह स्थान है जहां पर महात्मा गांधी ने 2 अक्टूबर 1869 को जन्म लिया था.यह जगह गुजरात में हैं.पोरबंदर में महात्मा गांधी का बचपन बीतने से यहां पर उनसे जुड़ी बहुत सी चीजे हैं.आज भी यहां पर उनका पैतृक घर बना है.इसके अलावा पोरबंदर में कीर्ति मंदिर भी शानदार जगह है.पोरबंदर बीच भी काफी अच्छी जगह है.इसके अलावा यहां कई और दर्शनीय स्थल हैं जो बापू की महानता बयां करने के साथ ही उनके बेहद करीब ले जाने में खास भूमिका निभाते हैं.
वाराणसी
महात्मा गांधी और वाराणसी का भी गहरा संबंध है.यहां पर गांधी जी के इतिहास को बयां करने वाले कई स्थान है.जिस समय देश में असहयोग आन्दोलन चल रहा था उस समय वाराणसी में गांधी जी ने 1921 में काशी विद्यापीठ की आधारशिला रखी थी.इसका उद्देश्य छात्रों को शिक्षित करने के साथ ही उनमें राष्ट्रीय भावना जागृत करना था.देश आजाद होने के बाद 1995 में यह गांधी जी को समर्पित कर दिया गया.इसका नाम महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कर दिया गया.
अहमदाबाद
अहमदाबाद ऐतिहासिक स्थलों में से एक है.गांधी का यहां से जुड़ाव रहा है.अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे स्थित गांधी जी का आश्रम बना है.इस आश्रम को साबरमती आश्रम के नाम से भी पुकारते हैं.यहां पर महात्मा गांधी जी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी ने करीब 12 साल बिताए थ्ो.जिससे गांधी जी को साबरमती संत नाम से भी बुलाते हैं.यहां पर मगन निवास, उपासना मंदिर हृदयकुंज, सोमनाथ छात्रालय, नंदिनी, उद्योग मंदिर जैसे कई स्थलों पर घूमने का एक अलग ही मजा है.
मोतिहारी, बिहार
बिहार के मोतिहारी का ऐतिहासिक महत्व है. यहीं से महात्मा गांधी ने 1917 में चंपारण सत्याग्रह का शुभारंभ किया था.
दांडी
दांडी गांव भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जीवन काल को बयां करने वाले मुख्य स्थानों में से एक है.आज दांडी अरब सागर के तट पर स्थित गुजरात राज्य का छोटा सा गांव है.गांधी जी द्वारा 12 मार्च को, 1930 को चलाई गई नमक सत्याग्रह परिणति का इस स्थान से सीधा जुड़ाव है.गांधी जी ने साबरमती से दांडी तक की करीब 268 किलोमीटर की यात्रा की थी.इस यात्रा को गांधी ने करीब 24 दिनों में पूरा किया गया.आज भी यहां पर बड़ी संख्या इतिहास प्रेमी आते हैं.
दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में भी गांधी स्मृति वाले स्थानो में से एक है.यहां गांधी जी को करीब से जानने के लिए कई बड़े स्थल है.यहां पर बिरला हाउस के रूप महात्मा गांधी को समर्पित एक ऐतिहासिक संग्रहालय है.इसके अलावा यहां का प्रसिद्ध स्थल राजघाट भी गांधी जी को समर्पित है.इसी संग्रहालय में गांधी जी ने अपने जीवन के अंतिम दौर के करीब 144 दिन बिताए थे.वहीं 1869 को मृत्यु के बाद राजघाट में गांधी की समाधि स्थल बनी थी.जिससे आप इन जगहों पर भी घूम सकते हैं.
राजघाट, नई दिल्ली
यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित राजघाट महात्मा गांधी की समाधि है. दिल्ली आने वाले लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करने के लिए राजघाट पर जरूर जाते हैं. यह वही जगह है जहां महात्मा गांधी का अंतिम संस्कार हुआ था. काले रंग के संगमरमर के पत्थर से बने प्लैटफॉर्म पर गांधी जी के आखिरी शब्द हे राम अंकित है. यहां हर वक्त एक ज्योत भी जलती रहती है.
साबरमती आश्रम, अहमदाबाद
साबरमती नदी के तट पर स्थित साबरमती आश्रम 1917 से 1930 तक महात्मा गांधीजी का घर था.साबरमती आश्रम में गांधीजी ने एक स्कूल बनाया जो शारीरिक श्रम, कृषि और साक्षरता पर केंद्रित था.
कोचरब आश्रम
यह पहला आश्रम था जिसे बापू द्वारा बनाया गया था.यह आश्रम गुजरात राज्य में अहमदाबाद शहर के पास स्थित है.इसे गांधीवादी विचारों के छात्रों के लिए बनाया गया था, जहां सत्याग्रह, आत्मनिर्भरता, स्वदेशी का अभ्यास करने वाले लोग, गरीब तबके के लोग, बेसहारा महिलाओं और अछूतों के उत्थान के लिए काम होता था.यहां आप बच्चों के साथ सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे की बीच जा सकते हैं.
गांधी स्मृति
गांधी स्मृति को पहले बिड़ला हाउस या बिड़ला भवन के रूप में जाना जाता था.गांधी स्मृति वह जगह है, जहां महात्मा गांधी ने अपनी हत्या से पहले अपने जीवन के अंतिम 144 दिन बिताए थे.मूल रूप से बिड़ला के व्यापारिक परिवार से संबंधित ये संपत्ति है अब महात्मा गांधी को समर्पित एक संग्रहालय है.