बॉलीवुड कोरियोग्राफर गणेश आचार्य (Choreographer Ganesh Acharya) को यौन उत्पीड़न मामले में स्थानीय मजिस्ट्रेट ने जमानत दे दी है. गणेश आचार्य के खिलाफ फरवरी 2020 में उपनगरीय अंबोली थाने में एक सहायक कोरियोग्राफर की कथित रूप से पिटाई करने का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि कोरियोग्राफर को इस मामले में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और यहां की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश होने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई.
शिकायतकर्ता का आरोप है कि गणेश आचार्य और दो अन्य लोगों ने 26 जनवरी, 2020 को अंधेरी में इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन कोरियोग्राफर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में उनके साथ मारपीट की थी. महिला ने यह दावा भी किया कि वह 2009-10 में जब भी आचार्य के कार्यालय में उनसे मिलने गई, तो गणेश आचार्य आचार्य ने उन्हें अश्लील वीडियो देखने के लिए बाध्य किया. महिला का यह भी आरोप है कि आचार्य ने अन्य महिलाओं का भी यौन शोषण किया है.
कोरियोग्राफर के खिलाफ शिकायत के आधार पर, पुलिस ने धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354-सी (निजी कृत्य में लिप्त महिला की छवि देखना, या कैप्चर करना), 354-डी (पीछा करना), 506 (आपराधिक) और 509 (शब्द, हावभाव या किसी महिला के शील का अपमान करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया था. हालांकि कोरियोग्राफर ने सभी आरोपों से इनकार किया है. (भाषा)
गणेश आचार्य ने 1990 के दशक की शुरुआत में कोरियोग्राफर कमलजी के सहायक के रूप में अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने 1992 में अपनी पहली फिल्म अनाम में काम किया, लेकिन 2001 में लज्जा से बड़ी मुश्किल गीत पर अपने काम के लिए व्यापक प्रसिद्धि और मान्यता प्राप्त की. 2007 में, उन्होंने मनोज बाजपेयी और जूही चावला अभिनीत अपनी पहली परियोजना स्वामी के साथ निर्देशक बने. उन्होंने कई फिल्मों में भी अभिनय किया है.
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