Ganesh Chaturthi 2020, Shubh Muhurat, Puja vidhi, Shubh Muhurat: गणेश चतुर्थी का त्योहार 22 अगस्त को इस बार पड़ रहा है. इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को लोग अपने घर जाते हैं और उनकी स्थापना कर विधि-विधान से पूजा करते हैं. गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है.
गणपति जी की स्थापना विधि-विधान से नहीं करने पर विराजमान नहीं होते हैं और न ही उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. गणेश जी का जन्म संसार में होने वाली संतान की तरह नहीं बल्कि देवियों शक्ति के माध्यम हुआ था. इस साल गणेश चतुर्थी 22 अगस्त दिन शनिवार को मनाई जाएगी. हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि भगवान श्री गणेश प्रथम पूजनीय हैं, इसलिए पूरे देश में इस दिन भगवान गणेश की जोरशोर से पूजा की जाती है.
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के बाल रूप का पूजन किया जाता है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है. गणेश चतुर्थी पर जो भी व्यक्ति भगवान गणेश की सच्चे मन से आराधना करता है, गणेश जी उस व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी विघ्नों को दूर कर देते हैं. भगवान गणेश को शुभता, खुशहाली और मांगलिकता का सूचक माना जाता है. वह सभी लोगों का हित करने वाले हैं.
मध्याहन गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 06 मिनट से 01 बजकर 42 मिनट दोपहर तक
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय – सुबह 9 बजकर 07 मिनट से रात 09 बजकर 26 मिनट तक
चतुर्थी तिथि आरम्भ – 21 अगस्त शुक्रवार 11 बजकर 02 मिनट पर
चतुर्थी तिथि समाप्त – 22 अगस्त शनिवार – शाम 07 बजकर 57 मिनट तक
गणेश चतुर्थी के पूजन के लिए भगवान गणेश की नई प्रतिमा लेकर आएं. मंत्रोच्चार के साथ भगवान गणेश जी की स्थापना करवाएं. स्थापना के बाद दस दिन तक रोज भगवान गणेश का पूजन, भजन और कीर्तन करें. नित्य सुबह स्नानादि कर भगवान की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं. फूल-हार चढ़ाएं. गणेश जी की स्तुति और चालीसा का पाठ कर उनकी आरती करें. याद रखें जिस प्रकार एक मनुष्य दिन में तीन बार भोजन करता है, उसी प्रकार गणेश जी को भी भोग लगाएं. उन्हें भोग अति प्रिय है. संध्या आरती करें. सम्भव हो तो कीर्तन करें.
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