Ganesh Chaturthi 2022: 31 अगस्त, बुधवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा करना भक्तों के लिए मंगलमय है. कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी पर कुंडली में मंगल दोष से छुटकारा प्राप्त करने के लिए विशेष उपाय करने चाहिए. धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य माना जाता है. इस दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत व पूजन किया जाता है.
धर्म शास्त्रों के मुताबिक गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) पर रात्रि में चंद्र देव के दर्शन नहीं करने चाहिए. इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अपशकुन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से झूठा कलंक या आक्षेप लगने की संभावना होती है.
इस बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है. आइए जानते है कि गणेश चतुर्थी के दिन चांद को क्यों नहीं देखना चाहिए और अगर देख भी लिया तो इससे क्या नुकसान होते हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं.
लेकिन यदि गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन हो जाये तो कलंक चतुर्थी की कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या सुनने पर गणेशजी क्षमा कर देते हैं. कलंक के दोष से बचने के लिए हर दूज का चाँद देखना भी जरूरी है. चतुर्थी पर चंद्र दर्शन हो जाए तो इस मंत्र को जपने से भी कलंक नहीं लगता है.
सिंहः प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमार मा रोदीस्तव ह्मेषः स्यमन्तकः।।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चन्द्रमा बहुत ही सुन्दर होती है. इसे देखने की चाहत है तो संध्या के समय हाथ में फल अथवा दही लेकर चन्द्रमा का दर्शन करें. ऐसा करने पर चन्द्रमा को देखने से कलंक नहीं लगता है. एक अन्य विधि यह है कि पूरे भाद्रपद मास में हर दिन चन्द्रमा को देखें. जो नियमित चन्द्रमा का दर्शन करता है शाप के अशुभ प्रभाव से बचा रहता है.