Ganesh Chaturthi 2022: इस दिन है गणेश चतुर्थी, जानें पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त

Ganesh Chaturthi 2022: उदया तिथि के आधार पर 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए. इससे श्राप मिलता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2022 5:32 PM

गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है. मान्यता है कि गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को मध्याह्न काल में, सोमवार, स्वाति नक्षत्र एवं सिंह लग्न में हुआ था. इसलिए यह चतुर्थी मुख्य गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी कहलाती है. उदया तिथि के आधार पर 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए. इससे श्राप मिलता है.

गणेश चतुर्थी 2022 शुभ मुहूर्त

31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के बीच भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. इस अवधि में शुभ कार्यों को करना अति उत्तम माना जाता है.

गणेश चतुर्थी व्रत व पूजन विधि

1. व्रती को चाहिए कि प्रातः स्नान करने के बाद सोने, तांबे, मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें.

2. एक कोरे कलश में जल भरकर उसके मुंह पर कोरा वस्त्र बांधकर उसके ऊपर गणेश जी को विराजमान करें.

3. गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अर्पित करके 21 लडडुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू गणेश जी को अर्पित करके शेष लड्डू गरीबों या ब्राह्मणों को बाँट दें.

4. सांयकाल के समय गणेश जी का पूजन करना चाहिए। गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा व आरती पढ़ने के बाद अपनी दृष्टि को नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए.

5. इस दिन गणेश जी के सिद्धिविनायक रूप की पूजा व व्रत किया जाता है.

पूजा सामग्री लिस्ट

भगवान गणेश की प्रतिमा, लाल कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, कलश, नारियल, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, रोली व मौली लाल

श्री गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

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