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Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी कल, मूर्ति स्थापना से पहले जान लें नियम

Ganesh Chaturthi 2022 Ganesh Idol Sthapana Vidhi: चतुर्थी तिथि इस साल कल यानी 31 अगस्त बुधवार को है.हिन्दू मान्यताओं व शास्त्रों में ऐसा कहा गया है.कोई भी काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर की जाती है.

Ganesh Chaturthi 2022 Ganesh Idol Sthapana Vidhi: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. यह पर्व इस साल कल यानी 31 अगस्त बुधवार को है.हिन्दू मान्यताओं व शास्त्रों में ऐसा कहा गया है.कोई भी काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर की जाती है.ऐसा माना जाता है कि उन्हें उनके पिता महादेव से यह वरदान प्राप्त है कि जब तक भगवान गणेश की पूजा नहीं होती तब तक किसी भी देवता की पूजा स्वीकार नहीं होगी.गणेश पूजन के बाद ही किसी भी तरह की पूजा या कार्य की शुरुआत की जाती है.

11 दिनों बाद होगा गणेश की प्रतिमा का विसर्जन

भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के बाद 11 दिनों तक धूमधाम से अनंत चतुर्दशी तक यह पर्व मनाया जाता है. 11 दिनों के बाद बड़े उमंग और उल्लास के साथ गणेश प्रतिमाओं का अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन कुंड में विसर्जन किया जाता है.

गणेश पूजा मुहूर्त

सुबह 11 बजकर 24 मिनट से दोपहर 01 बजकर 54 मिनट पर
गणेश विसर्जन तिथि*- 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुदर्शी के दिन

गणेश मूर्ति की स्थापना करने की विधि – (Ganesh chaturthi 2022 murti sthapana vidhi)

गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले जल्दी सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ-सुथरा वस्त्र पहनें.
फिर इसके बाद पूजा का संकल्प लेते हुए भगवान गणेश का स्मरण करते हुए अपने कुल देवता का नाम मन में लें.
इसके बाद पूजा स्थल पर पूर्व की दिशा में मुंह करके आसन पर बैठ जाएं.
फिर छोटी चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर एक थाली में चंदन, कुमकुम, अक्षत से स्वस्तिक का निशान बनाएं.
थाली पर बने स्वस्तिक के निशान के ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हुए पूजा आरंभ कर दें.

गणेश पूजा मंत्रों में ओम श्री गणेशाय नमः, शिव पुत्राय नमः, ओम गणपतये नमः, ओम गौरी सुताये नमः, ॐ वक्रतुंडाय नमः इन मंत्रों के माध्यम से विघ्नहर्ता भगवान की पूजा अर्चना और प्रार्थना की जानी चाहिए.

इसके साथ ही हर रोज गणेश जी की आरती का भी विधान है. हर रोज सुबह और शाम के समय गणेश जी की मंगल आरती, क्षमा प्रार्थना के साथ आरती गाने का विधान है. अथर्व शीर्ष, गणेश शीर्ष, मुक्ति मोचन गणेश गायत्री मंत्र, गणेश सहस्त्रनाम, श्री गणेश जी के 108 नाम मंत्रों के साथ बोलने पर गणेश जी काफी खुश हो जाते हैं. वैदिक और पौराणिक मंत्रों के जाप से गणेश जी का आशीर्वाद सभी मिलता है.

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