Ganga Saptami 2021 Date: गंगा सप्तमी 8 मई 2022, रविवार को है. गंगा सप्तमी के दिन गंगा मैया के पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है एवं समस्त पापों का क्षय होता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं. गंगा सप्तमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. आप ये उपाय कर उन लाभों को प्राप्त कर सकते हैं.
08 मई को गंगा सप्तमी का पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 38 मिनट तक है. पूजा का शुभ मुहूर्त 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगा.
गंगा सप्तमी के दिन गंगा मैया के पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है और समस्त पापों का क्षय होता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं. इसके अलावा गंगा सप्तमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. आज हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं.
गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर गंगा स्नान जरूर करें. यदि किसी वजह से गंगा नदी में स्नान कर पाना संभव तो नहीं हो पाए तो आप अपने घर पर नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इस उपाय को करने से मां गंगा निरोगी काया का आशीर्वाद देंगी. वहीं मान्यता है कि गंगा मैया के पावन जल के छींटे मात्र शरीर पर पड़ने से जन्म-जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं.
स्नान के पश्चात् गंगा मां की पूजा करते समय एक कटोरी में गंगा जल लें. अब उस गंगा जल से भरी करोटी के समक्ष गाय के घी का दीपक जलाकर मां गंगा का स्मरण करें और अंत में मां गंगा की आरती गाकर प्रसाद बांटें. इस उपाय को करने से आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा स्वर्ग से भगवान शिव शंकर की जटाओं में पहुंची थीं. ऐसे में इस दिन चांदी या स्टील के बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें पांच बेल के पत्ते डालकर इस जल से भगवान शिव का अभिषेक करें. अर्पण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. इस उपाय को करने से आपको सौभाग्य की प्राप्ति होगी.
यदि आप आर्थिक संकट से जूझ रहें हैं तो गंगा सप्तमी के दिन सुबह या शाम को चांदी या स्टील के लोटे में गंगा जल भरकर उसमें बेलपत्र डाल कर नगें पैर घर से शिव मंदिर जाएं. वहां शिव लिंग पर जल डालकर बेलपत्र अर्पित करें. तथा मन ही मन आर्थिक संकट दूर होने की प्रार्थना करें.