Gangasagar Mela 2023: युवाओं को आकर्षित कर रहा गंगासागर मेला, तीर्थ के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा

यूट्यूब का जमाना है. ऑनलाइन मेले को हर साल ही देखते हैं. लेकिन रियल देखने का अपना अलग ही अनुभव है. एक बात तो समझ गयी कि सच में यहां तक पहुंचने का रास्ता कठिन है. ट्रेन, बस, फिर स्टीमर.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2023 10:03 AM
an image

गंगासगार, शिव कुमार राउत: तीर्थयात्रा को अक्सर बुजुर्गों की मोक्ष यात्रा के रूप में ही समझा जाता है, लेकिन बदलते जमाने में तीर्थ के संग पर्यटन जुड़ जाने से परिदृश्य एकदम अलग हो गया है. विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेला इसका जीवंत उदाहरण है. मकर संक्रांति स्नान के उपलक्ष्य में लगने वाले इस मेले में बड़ी संख्या में बुजुर्ग और युवा भी शामिल हो रहे हैं. अंतर इस बात का है कि मोक्ष की चाह में बुजुर्ग स्नान-ध्यान और पूजा-पाठ में रत हैं, तो वहीं, युवा पर्यटन के भाव से सागर को टटोलते हैं. श्रद्धापूर्वक युवा भी स्नान करते हैं, पर लहरों के संग अठखेलियां करते हुए, फिर पंडितों से वहां के इतिहास समझते, कर्मकांडों को तर्क के तराजू पर तौल-नाप करते हैं. पूरी तरह से संतुष्ट होकर इस सूचना को मोबाइल पर अपलोड करते हैं.

उत्साह से लबरेज नालंदा से सागर पहुंची युवा महिला यात्री

यूट्यूब का जमाना है. ऑनलाइन मेले को हर साल ही देखते हैं. लेकिन रियल देखने का अपना अलग ही अनुभव है. एक बात तो समझ गयी कि सच में यहां तक पहुंचने का रास्ता कठिन है. ट्रेन, बस, फिर स्टीमर. शायद इसलिए कहा गया है, ‘सारे तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार.’ वहीं, रूपा साहनी ने कहा कि स्नान करके पूजा करना अच्छा लगा. जामताड़ा के मिथुन ने बताया कि मंदिर प्रांगण से लेकर घाट पर बने ढेरों सेल्फी प्वाइंट देखकर हम चौंक गये, पर खुशी है कि प्रशासन ने हम युवाओं की पसंद का भी खास ध्यान रखा है.

इको फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त’ मेले को बनाने का अभियान तेज

गौरतलब है कि एक वक्त था जब लोग अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में सागर यात्रा की ‘शुरूआत करते थे. कुछ तो दुर्गम यात्रा के दौरान दम तोड़ देते थे, कुछ समुद्री लुटेरों का शिकार बन जाते थे. लेकिन अब जीवन की शुरुआत में ही यह यात्रा सबके लिए सहज-सुलभ हो गया है. बस जरूरत है परंपरा व संस्कृति को संजोने वाले इस मेले को प्रदूषण मुक्त बनाने की. हालांकि प्रशासन की ओर से मेले को ‘इको फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त’ बनाने के लिए जागरूकता अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है.

मेले में सेनेटरी नैपकिन के प्रति महिलाओं को किया जा रहा जागरूक

गंगासागर मेले में पहली बार महिलाओं के बीच सेनेटरी नैपकिन का वितरण किया जा रहा है. इसके इस्तेमाल के प्रति महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए मेला परिसर के विभिन्न घाट पर ‘शी’ कॉर्नर हेल्प डेस्क लगाये गये हैं. दिपाली कुमार ने बताया कि मेला परिसर में सेनेटरी की सुविधा से स्पेशल जैसा अहसास हो रहा है. डेस्क में बैठे जिला प्रशासन के एक कर्मचारी ने बताया कि अभी भी कुछ महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करती हैं. ऐसी महिलाओं को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है. इस वजह से महिलाओं को जागरूक करने के लिए पहली बार मेले में सेनेटरी नैपकिन बांटे जा रहे हैं.

Exit mobile version