Gangasagar Mela 2023: गंगासागर में भटक गये पांच स्टीमर, 13 घंटे बंद रही जल परिवहन सेवा
घने कोहरे के कारण लॉट आठ से कचुबेरिया और नामखाना से वेणुवन के बीच चलने वालीं स्टीमर सेवाएं बाधित रहीं. नदी में भाटा और कोहरे के कारण रविवार को दिन में कई बार स्टीमर सेवाएं बाधित रहे.
गंगासागर, शिव कुमार राउत: सारे तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार कहे जाने के मतलब को समझना हो, तो मकर संक्रांति के अवसर पर सागरद्वीप में परिवहन व्यवस्था के सामान्य होने का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं की परेशानियों समझना जरूरी है. शनिवार के बाद रविवार को गंगासागर मेले पर कोहरे का कहर बरपा. घने कोहरे के कारण शुक्रवार रात लॉट आठ से कचुबेरिया की ओर आ रहे पांच स्टीमर रास्ता भटक गये थे. वहीं, शुक्रवार को लगभग 12 घंटे तक, तो शनिवार की रात से लेकर रविवार की सुबह तक कुल 13 घंटे जल परिवहन सेवा बंद रही.
नदी पार कराने वाले वेसेल और स्टीमर नहीं चले, जिसके कारण प्रशासन ने बस संचालन पर भी नियंत्रण किया. परिणाम यह हुआ कि पुण्य स्नान करके सागरद्वीप से बाहर निकलने का प्रयास कर रहे लाखों यात्री घंटों तक परिवहन सेवा सामान्य होने का इंतजार करते रहे. मेले की परिवहन व्यवस्था से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार की रात को, तो घने कुहासे के कारण रात को कई लांच अपने तय रास्ते से भटक गये थे. बीच नदी में प्रकाश स्तंभ खराब हो गये थे. बाद में रास्ता भटके लांच को विशेष प्रयासों से रास्ते पर लाया गया.
कचुबेड़िया में हुआ हंगामा
घने कोहरे के कारण लॉट आठ से कचुबेरिया और नामखाना से वेणुवन के बीच चलने वालीं स्टीमर सेवाएं बाधित रहीं. नदी में भाटा और कोहरे के कारण रविवार को दिन में कई बार स्टीमर सेवाएं बाधित किये जाने से कोलकाता से गंगासागर और सागरद्वीप से लौटने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या दोनों ओर बढ़ रही थी. भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए लॉठ आठ, कचुबेरिया और नामखाना से वेणुवन में विशाल संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी. इसके बावजूद कचुबेरिया में तनाव की स्थिति पैदा हो गयी. भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
तट पर की गंगा मैया की पूजा
सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा के बाद पुण्य स्नान के लिए गंगासागर आये हजारों श्रद्धालुओं ने शनिवार शाम ढलते ही तट पर तंबू तान लिये. पॉलीथिन की शीट से खुद को तट की गीली मिट्टी से बचाने का प्रयास कर रहे बहुत से श्रद्धालुओं ने रतजगा किया, तो कई श्रद्धालु ज्वार के बावजूद समुद्र में उतरे. तेज लहरों में डुबकी लगायी. प्रशासन समय-समय पर श्रद्धालुओं को ज्वार के समय समुद्र से दूर रहने की हिदायत भी देता रहा.