गंगासागर मेले में आधुनिक गैजेट्स हुए टांय-टांय फिस्स, मोबाइल सेवा बंद, लैंडलाइन ही बना बात करने का जरिया

दक्षिण 24 परगना के अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) सह गंगासागर मेला ऑफिसर सैयद एन ने बताया कि लैंड लाइन की व्यवस्था पहले भी थी, मगर बीच में इसे बंद कर दिया गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 16, 2023 9:27 AM
an image

दक्षिण 24 परगना जिले में पड़नेवाले सागर आइलैंड को गंगा और सागर का संगम स्थल माना जाता है. यहां हर साल विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेला लगता है. लेकिन इस द्वीप का अब तक पूरी तरह से विकास नहीं हो पाया है. यहां समुद्र का बढ़ता जलस्तर एक बड़ी समस्या है. स्थानीय लोगों को बिजली की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. जहां बिजली समुचित व्यवस्था न हो तो वहां दूरसंचार व्यवस्था कैसे बेहतर होगी.

मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

मकर संक्रांति पर प्रत्येक वर्ष गंगासागर मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मेले के दौरान सागरद्वीप पर दूरसंचार सेवा पूरी तरह ठप हो जाती है. राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष यह दावा करती है की इस वर्ष संचार व्यवस्था बेहतर होगी, क्योंकि कई टेलीकॉम कंपनियों के टॉवर यहां लगाये गये हैं. मगर प्रत्येक वर्ष यह समस्या बनी रहती है. इस कारण तीर्थयात्रियों को अपने परिजनों से संपर्क करने में काफी परेशानी होती है. इसके समाधान के लिए राज्य सरकार ने गंगासागर मेला परिसर में जगह -जगह बीएसएनएल के लैंड लाइन फोन इंस्टॉल किये हैं. जगह जगह फ्री कालिंग बूथ तैयार किये गये हैं और प्रत्येक बूथ में तीन लैंड लाइन लगाये गये हैं.

समस्याओं के मद्देनजर उठाया गया कदम : एडीएम

दक्षिण 24 परगना के अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) सह गंगासागर मेला ऑफिसर सैयद एन ने बताया कि लैंड लाइन की व्यवस्था पहले भी थी, मगर बीच में इसे बंद कर दिया गया था. लेकिन तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए इसे फिर से शुरू किया गया. इससे तीर्थयात्री आसानी से अपने घरवालों से बात कर ले रहे हैं.

तीर्थयात्रियों ने की राज्य सरकार की सराहना

बिहार के पूर्वी चंपारण से आये मनीष पांडेय ने कहा कि लैंडलाइन लगाने का सरकार का फैसला सराहनीय है. उन्होंने बताया कि उनका मोबाइल डिस्चार्ज हो गया था. वह उसे चार्ज नहीं कर पा रहा थे. ऐसे में उन्हें लैंडलाइन दिखा, जहां से कॉल कर अपने घरवालों से बातचीत की. उत्तर प्रदेश से आये सोनू ओझा ने बताया कि वह पहले भी गंगासागर आ चुके हैं. इस बार लैंडलाइन की व्यवस्था होने से काफी सहूलियत मिली.

Exit mobile version