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गैंगस्टर आलोक यादव ने संभल कोर्ट में किया सरेंडर, आगरा पुलिस मलती रह गई हाथ, घोषित है 50000 का इनाम

आगरा का 50 हजार के इनामी गैंगस्टर आलोक यादव को पकड़ने में 10 लोगों को जेल भेज चुकी पुलिस को गच्चा दे दिया है. 25 जुलाई को उसने संभल जिला के कोर्ट में एक पुराने मामले में सरेंडर कर दिया. अब आगरा पुलिस उसे बी वारंट के जरिए आगरा लेकर आएगी.

Agra : आगरा पुलिस की आंखों से धुल झोंककर फरार गैंगस्टर आलोक यादव ने मंगलवार को संभल जिले में आर्म्स एक्ट के पुराने मामले में जमानत करवाया और मुरादाबाद जेल पहुंच गया. पिछले 15 दिन से पुलिस आलोक यादव को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही थी. अब तक उसके 10 अन्य साथियों को पुलिस जेल भेज चुकी है. लेकिन आलोक हाथ नहीं आया था. अब पुलिस मुरादाबाद जेल में पूछताछ के लिए जाएगी. बी वारंट पर उसे आगरा लेकर आएगी. बरामदगी के लिए उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा.

आगरा में यमुना पार निवासी गैंगस्टर आलोक यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर 11 जुलाई की रात में 3 घंटे में हाईवे पर दो डकैती और एक लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इससे पहले भी आलोक यादव 100 फुटा रोड पर कल्याणी हाइट्स के पीछे यमुना किनारे दो युवकों को गोली मार चुका है. ट्रांस यमुना क्षेत्र के एक ढाबे पर भी उसने गोली चलाई थी और मथुरा में भी ऐसी ही वारदात को अंजाम दिया था. जिसके बाद आगरा के पुलिस कमिश्नर ने आलोक यादव के ऊपर 50000 रुपये का इनाम घोषित किया था.

25 जुलाई को किया कोर्ट में सरेंडर

आलोक को गिरफ्तार करने के लिए उसकी तलाश में सर्विलांस, स्वाट, एसओजी सहित पुलिस की कई टीमों को लगाया गया था. पुलिस ने आगरा से लेकर फिरोजाबाद और एटा तक आलोक की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी. उसके जीजा सहित दस रिश्तेदार और साथियों को जेल भेज दिया लेकिन आलोक हाथ नहीं आया. एक तरफ जहां पुलिस आलोक की गिरफ्तारी के लिए प्रयास में जुटी हुई थी. वही 25 जुलाई को आलोक यादव ने जिला संभल के कोर्ट में समर्पण कर दिया.

संभल में उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का केस दर्ज था. मुकदमे में मोहम्मद रियाज और रोहताश कुमार ने जमानत ली थी. दोनों ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि वह आलोक कुमार के जमानतदार है. वह गलत संगत में पड़ गया है. संभल में भी नहीं रहता. ऐसे में अभियुक्त को अपनी जमानत पर नहीं रखना चाहते हैं. इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद आलोक यादव को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में लेकर मुरादाबाद जेल भेज दिया.

बता दें कि आगरा में 13 जून को फतेहाबाद रोड पर कार सवार बदमाशों ने 24 लाख की विदेशी मुद्रा लूटी थी. व्यापारी के गोली मार दी थी जिसमें व्यापारी बच गए थे. पुलिस ने घटना का खुलासा तो कर दिया लेकिन अभी तक गैंग के सभी सदस्य गिरफ्तार नहीं हुए हैं. 28 जून को बाइकर्स गैंग ने जगदीशपूरा क्षेत्र में महिला का मंगलसूत्र लूटा. 29 जून को ताजगंज जगदीशपुरा और शाहगंज में 3 महिलाओं से चेन और मोबाइल लूट की घटनाएं हुई. 1 जुलाई को सदर क्षेत्र में एक युवक से मोबाइल लूटा गया. 2 जुलाई को यमुना किनारा मार्ग पर युवक से मोबाइल लूट. 5 जुलाई को ऑटो गैंग ने एत्मादपुर यमुना किनारा मार्ग पर तीन लूट की.

आगरा में कमिश्नरेट पुलिस व्यवस्था है. इसके बावजूद भी आगरा में अपराधों की संख्या बढ़ रही है. आए दिन हत्याएं लूट जैसी वारदातें हो रही हैं. बाइकर्स और ऑटो गैंग वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. बुधवार को आगरा पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था पर समीक्षा बैठक की थी. खनन और लूट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया था.

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