13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड: धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह को गोलियों से भून डाला, सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल

धनबाद के मंडल कारा को काफी संवेदनशील जेलों की श्रेणी में रखा गया है. दूसरी ओर यहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा होती रही है. धनबाद मंडल कारा के इतिहास में कभी ऐसी घटना नहीं हुई थी. इस कांड ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

धनबाद: स्थानीय मंडल कारा में तीन दिसंबर को दोपहर बाद हुई अमन सिंह की हत्या जेलों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है. धनबाद के मंडल कारा के इतिहास में कभी ऐसी घटना नहीं हुई थी. सनद रहे कि धनबाद मंडल कारा में नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपितों में अमन सिंह, पूर्व विधायक संजीव सिंह सहित गैंगस्टर प्रिंस खान के भी कई गुर्गे बंद थे. अभी इलाज के लिए संजीव सिंह रांची रिम्स में भर्ती हैं. इन वजहों से धनबाद के मंडल कारा को काफी संवेदनशील जेलों की श्रेणी में रखा गया है. दूसरी ओर यहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा होती रही है.

संदेह के घेरे में जेल के अधिकारी

यहां के पदाधिकारी भी संदेश के घेरे में रहे हैं. इस वजह से हाल ही में यहां के सुपरिटेंडेंट का तबादला किया गया था. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 25 नवंबर को जिले के उपायुक्त ने भी पुलिस बल के साथ यहां छापेमारी की थी. इस दौरान हालांकि कुछ खास नहीं मिला था, पर छापेमारी के मात्र सात दिन बाद ही जेल के अंदर गोलीबारी की इस बड़ी घटना ने जेलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है.

Also Read: झारखंड: गैंगस्टर अमन सिंह की धनबाद जेल में हत्या, नीरज सिंह हत्याकांड में था बंद, सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

सात गोलियों के हैं निशान

अमन सिंह की लाश देखने से पहली नजर में सात गोलियों के निशान साफ हैं, कुल कितनी गोलियां लगी हैं, यह तो पोस्टमार्टम के बाद साबित होगा. पर इस घटना से यह साबित होता कि धनबाद मंडल कारा में सबकुछ नियम संगत नहीं है. नियमत: जेल में जाने से पहले चुनौटी तक नहीं ले जाने की अनुमति होने के बाद भी मारक हथियार के अंदर जाने पर सब स्तब्ध हैं.

Also Read: झारखंड: कुख्यात अपराधी अमन सिंह की धनबाद जेल में हत्या, जांच में जुटी पुलिस

जेल गेट पर जांच पर उठा सवाल

जेल में मिलने आने वालों की जांच होती है. कोई सामान देने भी आया या जेल का कोई सामान बाहर से आता है, तो उसकी भी जांच होती है. पर इस गोलीकांड ने जेल के अंदर हथियार जाने को लेकर जेल की सुरक्षा पर सवाल उठा दिया है. किसकी मिलीभगत से हथियार जेल के अंदर गया, यह तो जांच का विषय है, पर धनबाद जेल गोलीकांड ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

Also Read: अपराध मुक्त झारखंड चाहिए तो बीजेपी सरकार लाएं, आक्रोश मार्च में बोले बाबूलाल मरांडी

सीसीटीवी फुटेज से होगा खुलासा

जेल में हथियार जाने के मामले में तह में जाने पर कई खुलासे होंगे. इससे लिए जेल के सीसीटीवी फुटेज की जांच होनी चाहिए. फुटेज के आधार पर ही आरोपित चिह्नित होंगे. सीसीटीवी की मॉनिटरिंग करने वालों के संबंध में भी जांच होनी चाहिए.

Also Read: तीन राज्यों में बीजेपी की जीत पर झारखंड में जश्न, भाजपाइयों ने मनायी होली-दिवाली, बताया 2024 का ट्रेलर

जेलों में हैं संख्या से अधिक कैदी, कैसे किसी ने नहीं देखा

राज्य के अधिकतर जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं. धनबाद मंडल कारा में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है, पर इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी किसी ने कुछ नहीं देखा होगा यह मान्य नहीं हो सकता. इसके लिए एक बार जेल में सघन अभियान चलाने की जरूरत है, तभी सच सामने आयेगा.

Also Read: झारखंड: ओरमांझी पार्क की बाघिन ‘सरस्वती’ की मौत, किडनी में इंफेक्शन ने ले ली जान,अभी मां समेत ये हैं बाघ-बाघिन

किसी बड़े गैंगवार की आशंका

अमन सिंह की हत्या से किसी बड़े गैंगवार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. अगर इस मामले में तत्काल कार्रवाई नहीं हुई या फिर दोषी चिह्नित कर पुख्ता व्यवस्था नहीं हुई, तो बड़े गैंगवार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. अमन सिंह के गैंग के लोग इसका बदला लेने के लिए किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें