Sanjeev Jeeva Biography: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के करीबी गैंगस्टर संजीव जीवा महेश्वरी की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या (sanjeev jeeva maheshwari shot dead) कर दी गई. संजीव महेश्वरी 1990 के दशक के बॉलीवुड सुपरस्टार संजय दत्त का बड़ा फैन (sanjay dutt fan sanjeev jeeva maheshwari) था. उसके नाम में ‘जीवा’ होने की भी वजह संजय दत्त ही हैं. आइए जानें-
पिता चलाते थे डेयरी व्यवसाय
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के शामली जनपद स्थित गांव आदमपुर का रहनेवाला संजीव जीवा महेश्वरी एक ऐसा नाम था, जिससे पश्चिमी यूपी थर्राती थी. दूध की एक साधारण डेयरी चलानेवाले का बेटा देखते ही देखते अपराध की दुनिया का शहंशाह बन गया. संजीव जीवा के पिता ओमप्रकश महेश्वरी साल 1986 में गांव छोड़कर वर्ष मुजफ्फरनगर आ बसे और शहर में ही पशु दूध डेयरी का व्यवसाय शुरू कर दिया. संजीव जीवा के पिता ओमप्रकाश महेश्वरी की ने दो शादियां की थीं. उनकी पहली पत्नी से दो बेटिया थीं- निशा और सुनीता. पहली पत्नी की मौत के बाद ओमप्रकाश महेश्वरी ने दूसरी शादी की, जिससे उन्हें दो बेटे- संजीव और राजीव महेश्वरी के साथ दो बेटियां पूनम और अनीता हैं.
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1995 में हुई अपराध की दुनिया में एंट्री
इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद संजीव महेश्वरी भी डेयरी पर पिता का हाथ बंटाने लगा. अपराध की दुनिया में आधिकारिक तौर पर संजीव महेश्वरी की एंट्री हुई साल 1995 में, जब मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना में उसके खिलाफ पहली बार आईपीसी की धारा 302 का मुकदमा दर्ज किया हुआ. इसके बाद तो संजीव महेश्वरी अपराध की दुनिया का होकर रह गया. चोरी, लूट, अपहरण, फिरौती, हत्या, रंगदारी उसके शगल हो गए और देखते ही देखते वह अरबों की संपत्ति का मालिक बन बैठा.
संजीव महेश्वरी कैसे बना ‘जीवा’ ?
संजीव महेश्वरी 1990 के दशक के सुपरस्टार संजय दत्त का बड़ा फैन था. 6 दिसंबर 1986 को संजय दत्त की ‘जीवा’ फिल्म रिलीज हुई थी. इस फिल्म की स्टारकास्ट में संजय दत्त के अलावा, प्राण, अमजद खान, अनुपम खेर, शक्ति कपूर, सचिन, गुलशन ग्रोवर, मंदाकिनी के नाम शामिल थे. यह फिल्म देखकर संजीव महेश्वरी बॉलीवुड के ‘खलनायक’ के किरदार से इतना प्रभावित हुआ कि उसने अपने नाम के साथ जीवा भी जोड़ लिया.
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