धनबाद में 15 दिनों से घर-घर में कचरा डंप है. गली-मुहल्लों की स्थिति भी खराब है. अब तक घर-घर की महिलाएं कचरा के दुर्गंध से परेशान हैं. स्थायी डंपिंग यार्ड को लेकर रैमकी ने काम बंद कर दिया है. नगर निगम अपने सीमित संसाधनों के साथ शहर की सफाई कर रहा है. मेन पावर व छोटी गाड़ियों की कमी के कारण डोर टू डोर कचरा का उठाव नहीं हो रहा है. ऐसे में स्थिति विस्फोटक बनती जा रही है. फेंका-फेकी के चक्कर में 13 सालों में नगर निगम को कचरा डंपिंग यार्ड के लिए जमीन नहीं मिली.
अब स्थायी डंपिंग यार्ड के लिए नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन तक रेस है. गुरुवार को समाहरणालय में हुई बैठक में नगर आयुक्त स्थायी डंपिंग यार्ड के मामला उठाया. इस पर उपायुक्त ने सभी अंचलाधिकारी को सरकारी जमीन की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. शहर की जो स्थिति है, अगर जल्द स्थायी डंपिंग यार्ड की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आगे शहरवासियों को भयावह स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. महामारी, हैजा, मलेरिया आदि कई बीमारियों का शिकार होना पड़ सकता है.
अस्थायी व्यवस्था के तहत गिराया जा रहा कचरा
15 दिनों से अस्थायी व्यवस्था के जहां-तहां कचरा गिराया जा रहा है. शहर का कचरा बरटांड़ पुराना बस स्टैंड के पीछे डंप किया जा रहा है. 2018 के पहले नगर निगम में यही व्यवस्था थी. दिन में यहां कचरा डंप कर रात में हाइवा से उठाकर सुदूर इलाके में गिराया जाता था.
सिंदरी, कतरास व झरिया में भी बंद है डोर-टू-डोर कचरा उठाव
सिंदरी, कतरास व झरिया में भी डोर टू डोर कचरा उठाव बंद है. 55 वार्डों में 880 मैन पावर व 220 टिपर का उपयोग रैमकी करती थी. जबकि नगर निगम के पास मात्र 10 ट्रैक्टर है. भाड़े पर और दस ट्रैक्टर लेकर शहर का कचरा उठाव किया जा रहा है. मेन पावर की भी कमी और छोटी गाड़ियाें के अभाव में डोर टू डोर कचरा का उठाव बंद है. हालांकि नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर आ जायेगी. डोर टू डोर कचरा का उठाव के लिए प्लानिंग की जा रही है.
सिंदरी में सिर्फ मुख्य जगहों की हो रही सफाई
सिंदरी. निगम के डोर टू डोर कचरा वाहन पिछले पांच दिनों से सिंदरी में दिखाई नहीं दे रहा है. यहां जगह-जगह कचरा का ढेर लगा है. नगर निगम के वार्ड संख्या 55 के सुपरवाइजर सत्येंद्र मरांडी ने हम लोगों को दो ट्रैक्टर दिया गया है, जिससे मुख्य जगहों का कचरा उठा कर जंगल में डंप किया जा रहा है, ताकि जनता को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े. छोटी गाड़ियों के अभाव में सिंदरी में घर-घर जाकर कचरे का उठाव संभव नहीं है. अभी बाजार, मंदिर, स्कूल आदि मुख्य जगहों की सफाई की जा रही है. कॉलोनी वासियों का कहना है प्रत्येक दिन के हिसाब से हमलोग अपने-अपने घर में कचरा रखने के लिए डिब्बा का उपयोग करते हैं, लेकिन वाहन नही आने से हमलोग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
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