गढ़वा : पंचायत भवनों में लगी भारत नेट की मशीनें बेकार, आम लोगों को नहीं मल रहा ई-गवर्नेंस सेवा का लाभ

पंचायत सचिवालय में इंटरनेट कनेक्टिविटी से आम ग्रामीणों को सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलती एवं ऑनलाइन सभी तरह के कार्य किये जाते. पर उक्त मशीनें लगने के बाद से ही तकनीकी गड़बड़ी के कारण बंद पड़ी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2023 5:16 AM
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गढ़वा जिले के केतार प्रखंड के मुकुंदपुर पंचायत भवन को छोड़ शेष सभी पंचायत भवनों में लगाया गया भारत नेट सेवा का उपयोग देख-रेख और जानकारी के अभाव में नहीं हो पा रहा है. सरकार के ई-गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत पंचायत सचिवालय को भारत नेट सेवा से लैस करके इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा दी जानी थी.

इसके तहत प्रखंड के परतीकुश्वानी, पाचाडुमर, केतार, बलिगढ़, परसोडीह एवं लोहारगड़ा पंचायत सचिवालय में भारत नेट सेवा के तहत मशीनें चार वर्ष पूर्व लगायी गयी. साथ ही इसके संचालन पर खर्च होने वाले 1000 रुपये तक की राशि को 15वें वित्त आयोग के अनाबद्ध अनुदान मद से खर्च करने का निर्देश दिया गया था.

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इससे पंचायत सचिवालय में इंटरनेट कनेक्टिविटी से आम ग्रामीणों को सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलती एवं ऑनलाइन सभी तरह के कार्य किये जाते. पर उक्त मशीनें लगने के बाद से ही तकनीकी गड़बड़ी के कारण बंद पड़ी है.

उधर मुकुंदपुर पंचायत में भारत नेट सेवा की मशीन भी नहीं लगायी गयी. वहीं लोहरगाड़ा पंचायत सचिवालय में बगैर वाइफाइ एवं टेलीफोन की व्यवस्था किये आनन-फानन में मशीनें लगा दी गयी. इस कारण उक्त मशीनें बंद पड़ी है. यहां पंचायत के मुखिया, पंचायत सेवक एवं रोजगार सेवक के साथ-साथ ग्रामीण भी पंचायत सचिवालय से मुफ्त मिलने वाले इंटरनेट के लाभ से वंचित होकर दूसरी जगह कार्य कराने को विवश है.

इसके साथ ही साथ पंचायत सचिवालय का लॉगिन और पासवर्ड भी प्रखंड कार्यालय से ऑपरेट हो रहा है. इस कारण ग्रामीणों को डिमांड एवं मस्टररोल सहित योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. खास कर केतार से 10 किलोमीटर दूर स्थित लोहरगड़ा पंचायत वासियों को इन छोटे कार्यों के लिए प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है. आवागमन में होने वाले खर्च के अलावा उनका दिन भर का समय भी बर्बाद हो जाता है.

व्यवस्था हो जाये, तो दूर नहीं जाना पड़ेगा

इस संबंध में लोहरगाड़ा पंचायत की मुखिया नीलम देवी ने बताया कि पंचायत सचिवालय के भारत नेट सेवा में तकनीकी गड़बड़ी के अलावा लॉगइन पासवर्ड नहीं रहने के कारण परेशानी हो रही है. यदि पंचायत सचिवालय में ही पूरी व्यवस्था हो जाये, तो लोगों को 10 किलोमीटर दूर प्रखंड कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा.

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