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गढ़वा: तस्कर को पकड़ने गयी वन विभाग व वन समिति की आपस में हुई भिड़ंत, फिर…

तब तक दोनों के बीच हाथापाई हो चुकी थी. गलतफहमी दूर हुई, तो दोनों टीमों (समिति और वन विभाग) ने जंगल में रात भर पहरा दिया और कटे हुए पेड़ को ले जाने वाले तस्करों को पकड़ने का प्रयास किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2022 10:40 PM

भंडरिया: झारखंड के गढ़वा जिला में भंडरिया वन क्षेत्र के बिंदा घाटी में वर्षों से सड़क किनारे लगे एक बिया के पेड़ को तस्करों के द्वारा मशीन से काटने की सूचना मिली. शुक्रवार की रात को तस्करों को पकड़ने के लिए वन विभाग और वन समिति के पदधारी पहुंचे. यहां वन विभाग की टीम ने वन समिति के पदधारियों को ही तस्कर समझ लिया और आपस में उलझ गये.

तस्करों को पकड़ने का प्रयास

बाद में पहचान होने के बाद मामला शांत हुआ. तब तक दोनों के बीच हाथापाई हो चुकी थी. गलतफहमी दूर हुई, तो दोनों टीमों (समिति और वन विभाग) ने जंगल में रात भर पहरा दिया और कटे हुए पेड़ को ले जाने वाले तस्करों को पकड़ने का प्रयास किया. रात में कोई तस्कर लकड़ी लेने नहीं आया. तब जाकर वन विभाग की टीम शनिवार की सुबह ट्रैक्टर से उक्त बिया के पेड़ को भंडरिया वन परिसर ले आयी.

तस्करों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया

जानकारी के अनुसार, बिंदा घाटी के समीप सड़क किनारे लगे बिया के एक विशाल पेड़ को गुरुवार की रात तस्करों ने स्वैप मशीन से काटकर गिरा दिया था. मामले की जानकारी मिलने के बाद दूसरी रात वन विभाग ने एक रणनीति के तहत तस्करों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया.

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इसके लिए वन विभाग की टीम के वनरक्षी आनंद कुमार, रौशन कुमार, कमलेश कुमार सहित अन्य कर्मियों ने एकजुट होकर कटे हुए पेड़ के समीप रात में पहरा देने लगे. इसी बीच, देर रात तस्करों को पकड़ने के लिए वन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार, विजय शर्मा, लालमोहन मांझी, विशेश्वर मांझी, जगु मांझी व अन्य पदधारी भी वहां पहुंच गये.

पेड़ की कीमत करीब 40 हजार रुपये

रात में वन विभाग की टीम ने वन समिति के लोगों को तस्कर समझकर उन्हें धर दबोचा. दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गयी. बाद में पहचान होने के बाद मामला शांत हुआ. वनकर्मियों ने बताया की काटे गये पेड़ की कीमत करीब 40 हजार रुपये है.

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मामले की छानबीन की जा रही है : वनरक्षी

इस संबंध में पूछे जाने पर वनरक्षी कमलेश कुमार ने कहा की मशीन से बिया के पेड़ को काटा गया है. मामले की पूरी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी है. जांच की जा रही है.

रिपोर्ट- संतोष वर्मा

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