मानसून से खुश गढ़वा के किसान, लगातार बारिश से 50 प्रतिशत तक हो गयी खेतों की जुताई
आद्रा नक्षत्र के एक दिन पूर्व 21 जून से मानसून का आगमन हुआ है, तब से लगभग हर रोज बारिश हो रही है. यद्यपि जिले के आहर-तालाब व खेत के क्यारियों को भरने के लिए अभी और बारिश की जरूरत है. हालांकि अभी तक मॉनसून की जो स्थिति दिख रही है, इससे इस वर्ष अच्छी खेती की संभावना बनी है.
गढ़वा जिले में गुरुवार को भी ज्यादातर प्रखंडों में बारिश हुई. आषाढ़ महीने के अंतिम सप्ताह में कुछ प्रखंडों को छोड़ कर पूरे जिले में औसत से अधिक बारिश हुई है. साथ ही सावन महीने की शुरूआत भी बारिश से हुई. चार जुलाई को 21 मिमी व पांच जुलाई को 15 मिमी बारिश हुई. जबकि गुरुवार को जिला मुख्यालय में 15 मिमी तथा कई प्रखंडों में 25 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गयी.
21 जून को गढ़वा पहुंचा मानसून
गौरतलब है कि आद्रा नक्षत्र के एक दिन पूर्व 21 जून से मानसून का आगमन हुआ है, तब से लगभग हर रोज बारिश हो रही है. यद्यपि जिले के आहर-तालाब व खेत के क्यारियों को भरने के लिए अभी और बारिश की जरूरत है. हालांकि अभी तक मॉनसून की जो स्थिति दिख रही है, इससे इस वर्ष अच्छी खेती की संभावना बनी है.
आगे कम होगी बारिश, खेती का मिलेगा अवसर
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा गढ़वा के पूर्वानुमान पूर्वानुमान के मुताबिक गुरुवार के बाद बारिश कम होगी. सात जुलाई से नौ जुलाई तक छह मिमी तक बारिश होने का अनुमान है. कृषि विभाग के मुताबिक इससे किसानों को अपने खेतों को जोतने और बोआई करने का समय मिल जायेगा.
50 प्रतिशत में ही हो सकी है बुआई
प्राप्त आंकड़ोंं के मुताबिक, लगातार बारिश से किसानों को खेत जोतने में परेशानी हो रही है. लेकिन खेतों की जुताई जून के अंतिम सप्ताह से ही शुरू है. अभी मुख्य रूप से टांड़ के खेतों की जुताई तेजी से हो रही है. अब तक 75 फीसदी टांड़ के खेत जोते जा चुके हैं. वहीं नीचले भाग के खेतों में अभी मुश्किल से 25 प्रतिशत ही जुताई हुई है. किसान जुताई के साथ भदई, तेलहन व दलहन फसल की बोआई भी करते जा रहे हैं. लेकिन इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो सका है. अनुमान है कि बारिश कम होते ही बुआई में और तेजी आयेगी.