गढ़वा : कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने के बाद झारखंड का गढ़वा जिला कोविड19 का नया हॉट स्पॉट बन गया है. यहां प्रदेश के रेड जोन रांची से ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मौजूदा वक्त में हैं. जिले के गांवों में चार नये कोरोना मरीज के मिलने के बाद लोगों में भय व दहशत का माहौल है. शहर के बाद अब गांव से भी लगातार कोरोना के मरीज मिलने से जिला में हड़कंप मच गया है.
चार नये मरीज मिलने के बाद यहां कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 27 हो गयी है. इसमें एक्टिव मरीजों की संख्या 24 है. इसमें से तीन मरीज ठीक होकर घर जा चुके है़ं संक्रमित पाये गये सभी चार मरीजों में से दो को सरकारी क्वारेंटाइन व दो को होम क्वारेंटाइन से लाकर कोविड अस्पताल मेराल में भर्ती कराया गया है. गढ़वा जिले में जो चार नये मरीज मिले हैं, उनमें से दो के होम क्वारेंटाइन रहने की वजह से उनके परिवार सहित अन्य लोगों के भी संक्रमित होने की संभावना को लेकर मेडिकल जांच शुरू कर दी गयी है.
कोरोना के जो चार नये मरीज मिले हैं, उनमें से एक गढ़वा प्रखंड के कोरवाडीह, एक-एक मेराल प्रखंड के गेरूवासोती व बाना तथा एक मरीज बरडीहा प्रखंड के कौआखोह गांव का रहनेवाला है़ इसमें गेरूआ गांव के मरीज को सूखी खांसी है. कोरवाडीह गांव का मरीज 11 मई, 2020 की रात को महाराष्ट्र के ठाणे से गढ़वा लौटा था. इसको होम क्वारेंटाइन किया गया था, लेकिन एक दिन बाद इसे मुखिया ने कोरवाडीह मध्य विद्यालय में भर्ती कराया था.
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तीन अन्य मरीज एक साथ 12 मई की रात में महाराष्ट्र के पुणे से गढ़वा आये थे. इन तीन मरीजों में से कौआखोह गांव के मरीज को सरकारी क्वारेंटाइन किया गया था. दो अन्य मरीज क्रमश: बाना व गेरूआ निवासी को होम क्वारेंटाइन किया गया था. होम क्वारेंटाइन के दौरान इन दोनों मरीजों के अपने परिवार के अलावा गांव के अन्य लोगों के साथ भी संपर्क में आने की बात कही गयी है. फिलहाल सभी चार मरीजों का मेराल के कोविड अस्पताल में इलाज चल रहा है.
कोरोना के चार नये मरीजों में शामिल कोरवाडीह गांव निवासी मजदूर ने बताया कि वह एचपीसीएल में एके फोल्डर कंपनी की बनी रही फैक्ट्री में मजदूर था. काम समाप्त होने के बाद जब उसके पैसे खत्म होने लगे, तो वह अपने संपर्क के पांच मजदूरों के साथ पैदल ही गढ़वा आने के लिए निकल गया. करीब 170 किमी पैदल चलने के बाद नासिक में एक ट्रक मिला, जिसने उसे व अन्य मजदूरों से बिहार के औरंगाबाद तक लाने के एवज में 2500-2500 रुपये लिये.
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उसने बताया कि ट्रक में उसके साथ 56 अन्य मजदूर जानवरों की तरह तपती धूप में बैठकर यहां पहुंचे हैं. उसने बताया कि वह आठ मई को पैदल चला था, जबकि 12 मई की शाम को यहां पहुंचा. उसने बताया कि उसके साथ के पांच अन्य मजदूर को भी पहले होम क्वारेंटाइन किया गया था. उसने बताया कि उसे रास्ते में आने के दौरान ही किसी अन्य मजदूर से संक्रमण हुआ है. उसने बताया कि जब वह पैदल सड़कों चल रहा था, हजारों लोग पैदल चल रहे थे.
कौआखोह गांव के मरीज ने बताया कि वह दो साल से पुणे में टावर निर्माण में क्रेन चलाता था. इसके एवज में उसे 20 हजार रुपये महीने मिलते हैं. महाराष्ट्र प्रशासन ने उनसे घर भेजने के एवज में 6500-6500 रुपये वसूले. घर आने से पहले उन्हें पांच दिन तक सड़क अपनी रातें गुजारनी पड़ी. 11 मई को एक बस पर 30 लोगों के साथ उसे गढ़वा भेजा गया.
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यहां पहुंचने पर नामधारी कॉलेज में उसके स्वास्थ्य की जांच की गयी, उसके बाद गढ़वा सदर अस्पताल में भी जांच की गयी. फिर गांव में बने सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि उनके साथ गेरूआ व बाना गांव के भी मजदूर थे, जिनका उनके साथ ही सैंपल लिया गया था और उनको भी पॉजिटिव पाने के बाद कोविड19 अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि राजधानी रांची में सबसे ज्यादा 103 कोरोना से संक्रमित मरीज मिले थे, जिनमें 83 स्वस्थ हो गये. 2 लोगों की मौत हो गयी. अब सिर्फ 18 लोग कोरोना से संक्रमित हैं और उनका कोविड19 अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं, गढ़वा में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 27 है. इनमें तीन स्वस्थ हुए और 24 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. ये सभी प्रवासी मजदूर हैं, जो अन्य राज्यों से अपने घर लौटे हैं.