Gayatri Jayanti 2023: यह हिंदू कैलेंडर में सबसे खास और महत्वपूर्ण अवसरों में से एक है. गायत्री जयंती देवी गायत्री को समर्पित है, जिन्हें वैदिक भजनों की देवी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी गायत्री ब्रह्म के सभी अभूतपूर्व गुणों की अभिव्यक्ति हैं. गायत्री जयंती का शुभ अवसर दुनिया में देवी गायत्री के जन्म का जश्न मनाता है.
इस वर्ष गायत्री जयंती का पावन पर्व 31 मई 2023 को पूरे देश में मनाया जाएगा. द्रिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 30 मई को शाम 05:37 बजे से शुरू होगी और 31 मई 2023 को शाम 06:15 बजे समाप्त होगी.
गायत्री जयंती को वेदों की देवी गायत्री की जयंती के रूप में मनाया जाता है. सभी वेदों की देवी होने के कारण देवी गायत्री को वेद माता के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी गायत्री ब्रह्म के सभी अभूतपूर्व गुणों की अभिव्यक्ति हैं. उन्हें हिंदू त्रिमूर्ति की देवी के रूप में भी पूजा जाता है. उन्हें सभी देवताओं की माता और देवी सरस्वती, देवी पार्वती और देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है.
द्रिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ चंद्र मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को गायत्री जयंती मनाई जाती है और आमतौर पर इसे गंगा दशहरा के अगले दिन मनाया जाता है. मतान्तर के अनुसार अर्थात गायत्री जयंती मनाने के लिए मतभेद होने के कारण इसे श्रावण पूर्णिमा के दौरान भी मनाया जाता है. श्रावण पूर्णिमा के दौरान गायत्री जयंती को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है और आमतौर पर उपकर्म दिवस के साथ मेल खाता है.
सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. देवी की आराधना करने के लिए मां गायत्री का उसी रूप में चिंतन करें, जब वे सच्चे मन से उनके सामने बैठी हुई मूर्ति या चित्र में प्रकट हुई थीं. अब मां को जल, अक्षत, पुष्प, धूप और नैवेद्य का विधिपूर्वक अर्पण करें. उसके बाद कम से कम 15 मिनट मन्त्र या गायत्री मन्त्र का तीन बार जाप करते हुए माता के अन्तरात्मा के ध्यान में व्यतीत करें.