Gayatri Mantra: रोग-शत्रु पर विजय पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप कब-कैसे करना चाहिए, जानें सही विधि और फायदे
Gayatri Mantra: धर्म शास्त्र में इस मंत्र का प्रयोग हर सफलता के लिए सिद्ध माना गया है. यह मंत्र रोग और शत्रुओं पर विजय दिलाता है. हालांकि गायत्री मंत्र का जाप करने के कुछ नियम भी हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
Gayatri Mantra: हिंदू धर्म शास्त्रों में सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र को बेहद शक्तिशाली और प्रभावशाली माना गया है. हिंदू धर्म के ग्रंथ ऋग्वेद में उल्लेख मिलता है, कि जो भी व्यक्ति गायत्री मंत्र का उच्चारण करता है. उसका जीवन सुखमय हो जाता है. गायत्री मंत्र को हिंदू धर्म शास्त्रों में महामंत्र कहा जाता है. यदि प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जप किया जाए, तो सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, और जीवन में सफलता और सुख समृद्धि आती है. इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है. धर्म शास्त्र में इस मंत्र का प्रयोग हर सफलता के लिए सिद्ध माना गया है. यह मंत्र रोग और शत्रुओं पर विजय दिलाता है. हालांकि गायत्री मंत्र का जाप करने के कुछ नियम भी हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते है गायत्री मंत्र के लाभ और इससे जुड़े नियमों के बारे में…
ये तीन पहर गायत्री मंत्र के लिए उत्तम
ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र का जाप तीन समय में करने पर ज्यादा असरदार माना जाता है. गायत्री मंत्र जाप का पहला समय सूर्योदय से थोड़ी देर पहले शुरू होकर सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक कर का है. दोपहर के समय में भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है. जबकि तीसरा समय सूर्यास्त से ठीक पहले का है. यह जाप सूर्यास्त से पहले शुरू कर सूर्यास्त के थोड़ी देर बाद तक करें.
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कब और कैसे करें गायत्री मंत्र का जप
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि प्रातः काल बिस्तर से उठने के बाद सभी नित्य कर्मों से मुक्त होने के पश्चात 108 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. सूर्योदय के समय घर के पूजा स्थल या किसी अन्य शुद्ध जगह पर बैठकर तीन माला या 108 बार गायत्री मंत्र का जप करना शुभ होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी इच्छा पूर्ति के साथ आपकी रक्षा होती है. इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि भोजन करने से पहले 3 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से भोजन अमृत के समान हो जाता है. यदि किसी कार्य से घर से बाहर जा रहे हैं, तो घर से निकलते समय 5 या 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से समृद्धि सफलता सिद्धि प्राप्त होती है.
गायत्री मंत्र के नियम
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गायत्री मंत्र का जाप किसी गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए.
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इस मंत्र के जाप के लिए स्नान के साथ मन और आचरण भी पवित्र होना चाहिए.
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मंत्र का जाप से पहले शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में जल भरें.
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फिर गायत्री मंत्र के साथ ऐं ह्रीं क्लीं का संपुट लगाकर गायंत्री मंत्र का जाप करें.
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मंत्र जाप के बाद पात्र में भरे जल का सेवन करें.
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कुश या चटाई के आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करें.
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इसके लिए तुलसी या चन्दन की माला का प्रयोग करें.
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अगर आप इस मंत्र का जाप ब्रह्म मुहूर्त में कर रहे हैं तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके इसका जाप करें.
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अगर इसका जाप शाम को कर रहे हैं तो पश्चिम दिशा में मुख कर जाप करें.
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गायत्री मंत्र का मानसिक जाप किसी भी समय किया जा सकता है.
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गायत्री मंत्र के लाभ
गायत्री मंत्र के जाप से तमाम कष्ट प्रभावहीन हो जाते हैं. इस मंत्र का प्रयोग हर क्षेत्र में सफलता के लिए सिद्ध माना गया है. नौकरी-बिजनेस में परेशानी होने पर गायत्री मंत्र का जाप लाभ दिलाता है. इस मंत्र के जाप के लिए किसी विशेष समय की आवश्यकता नहीं होती है. वहीं रोगों से मुक्ति पाने के लिए भी गायत्री मंत्र का जाप अचूक माना गया है. जीवन में तनाव और चिंता जैसी समस्याएं नहीं आती. कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, और करियर में तरक्की प्राप्त होती है. ऐसे व्यक्ति का समाज में मान सम्मान बढ़ता है. नकारात्मकता दूर होकर, तमाम तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है. एकाग्रता बढ़ती है और जीवन की हर समस्या का हल होता है.