Kanpur: घाटमपुर पुलिस का गजब खेल, हमनाम को वारंटी बताकर भेजा जेल, 10 दिन बाद छूटा…

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि घटना संज्ञान में आई है. मामला गम्भीर है। ऐसा कैसे हुआ और इसके लिए कौन दोषी है. इसकी जांच एसीपी घाटमपुर को सौंप दी गई है.

By Upcontributor | October 21, 2023 11:13 PM

कानपुर.कमिश्नरेट पुलिस की घनघोर लापरवाही सामने आई हैं।घाटमपुर पुलिस की घनघोर लापरवाही से एक निर्दोष को दस दिन जेल में काटने पड़े.जिसका गैर जमानती वारंट जारी था, उसकी जगह उसके हमनाम आढ़ती को उठा कर पुलिस ने जेल में ठूंस दिया.जबकि,वह खुद को निर्दोष बताता रहा, आईडी दिखाता रहा पर पुलिस नहीं मानी. जमानत पर छूटे आढ़ती के भाई ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो मामलें का खुलासा हुआ.कमिश्नर ने मामलें की जांच के आदेश दिए.संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि घटना संज्ञान में आई है. मामला गम्भीर है. ऐसा कैसे हुआ और इसके लिए कौन दोषी है. इसकी जांच एसीपी घाटमपुर को सौंप दी गई है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.


क्या है पूरा मामला

दरअसल,घाटमपुर कोतवाली पुलिस ने 2021 में कूष्मांडा नगर निवासी प्रमोद कुमार (संखवार) पुत्र दुर्गा प्रसाद को आर्म्स एक्ट में जेल भेजा था.जमानत पर छूटने के बाद वह ट्रायल में समन जारी होने के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहा था. सिविल जज जूनियर डिवीजन ने 24 अगस्त 2023 को प्रमोद कुमार (संखवार) के खिलाफ एनबीडब्लू जारी कर दिया.दरोगा शुभम सिंह व हेड कांस्टेबल राजकिशोर ने 12 सितंबर 2023 को प्रमोद कुमार संखवार की जगह प्रमोद कुमार (साहू) पुत्र दुर्गा प्रसाद साहू को पकड़ लिया. उसे वारंटी बताकर जेल भेज दिया.

प्रमोद साहू बसंत विहार घाटमपुर का रहने वाला

प्रमोद साहू बसंत विहार घाटमपुर का रहने वाला है और अपने भाई की आढ़त में काम करता है. 22 सितंबर को प्रमोद कुमार (साहू) की जमानत हुई और वह जेल से बाहर आ गया.रिहाई के बाद प्रमोद कुमार साहू ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है कि उसे पकड़ने के बाद चौकी लाया गया.उससे कहा गया तुम्हारा नाम प्रमोद कुमार है.तुम्हारे पिता मर गए हैं.तुम्हारे खिलाफ कट्टा रखने का अपराध है. तुम अपनी पत्नी ऊषा को मारते पीटते हो. उसने सबूत दिए कि पिता जिंदा हैं. पत्नी मायके गई है. पत्नी का नाम ऊषा नहीं हैवह कभी जेल नहीं गया. मगर पुलिस ने उसकी नहीं सुनी. छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये मांगे.लेकिन जब उसने देने से मना कर दिया तो चौकी इंचार्ज ने कहा- जेल जाओ उसे किसी और के एनबीडब्ल्यू पर जेल भेज दिया गया.

Also Read: UP News: कानपुर में सीएम योगी के सभा स्थल को लेकर असमंजस, वाल्मीकि जयंती पर होना है अनुसूचित वर्ग का सम्मेलन

Next Article

Exit mobile version