गिरिडीह, राकेश सिन्हा : रांची से गिरिडीह चली आलीशान बस (बाबा सम्राट) की रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि बस ड्राइवर के कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी और आउट ऑफ कंट्रोल इस बस ने बराकर नदी के पास अपना संतुलन खोने के बाद पुल से नीचे जा गिरी. बस की रफ्तार इतनी तेज थी कि स्टेयरिंग दाहिनी ओर काटने के बाद बस अचानक स्किट की गई. प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि स्किट होने के बाद उत्तर दिशा की ओर जा रही बस 180 डिग्री के एंगल से घुमते हुए दक्षिण दिशा की ओर हो गई. इसके बाद कई रेलिंग को तोडते हुए यह बस नदी में जा गिरी जिसमें सवार 4 लोगाें की जान चली गई और 17 लोग जख्मी हो गये.
काफी तेज रफ्तार में चल रही थी बस
रूट परमिट में निर्धारित समय के अनुसार, आलीशान बस को रांची से 5.05 बजे शाम में खुलकर 7.20 बजे शाम हजारीबाग पहुंचना था और हजारीबाग से 7.45 में खुलकर गिरिडीह 10 बजे पहुंचना था. परमिट के अनुसार, हजारीबाग से गिरिडीह पहुंचने में बस को 135 मिनट का समय लगना था. इस हिसाब से इस बस को हजारीबाग से बराकर पुल तक यानी 102 किलोमीटर की दूरी तय करने में 119 मिनट लगना चाहिए था. जबकि यह बस हजारीबाग से 7.45 बजे खुली और लगभग 8.35 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस प्रकार 102 किलोमीटर की दूरी तय करने में इस बस को मात्र 50 मिनट लगी यानी गाडी की औसत रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा की थी. बराकर नदी के किनारे संचालित शर्मा लाइन होटल के संचालक रॉकी शर्मा का कहना है कि बस की रफ्तार काफी ज्यादा थी जिसके कारण यह दुर्घटना हुई है. उन्होंने बताया कि बराकर नदी पुल के पास एक लाल रंग की अल्टो कार खडी थी जो उसी समय गिरिडीह की ओर बढ़ी और उसे बचाने के लिए ड्राइवर ने बस को दाहिनी ओर काटा, जिससे गाडी असंतुलित हो गई और नदी में जा गिरी.
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स्कूटर के इंश्योरेंस पेपर पर किया जा रहा था बस का परिचालन
गिरिडीह के बराकर नदी में जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है और जिसमें चार लोगों की जान चली गई है उस बस का इंश्योरेंस नहीं है. दुर्घटनाग्रस्त आलीशान बस ( बाबा सम्राट) का आरसी नंबर जेएच-07एच /2906 है और आरसी में मालिक का नाम राजू खान दर्ज है. जबकि इस आरसी नंबर पर जब इंश्योरेंस पेपर की जांच की गई तो उसमें पॉलिसी नंबर 1130003123010240021524 है और वाहन के मॉडल में बजाज स्पीरिट दर्ज है जो स्कूटर है. यह पॉलिसी पंकज कुमार के नाम से जारी की गई है और इसमें रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी गुमला दर्ज है. सामाजिक कार्यकर्ता शिवनाथ साव, विकास सिन्हा समेत कई लोगाें ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है. बस दुर्घटना में मृत और जख्मी हुए लोगों को बीमा की राशि भी नहीं मिलेगी. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्कूटर के इंश्योरेंस पेपर पर बस का परिचालन करना धोखाधडी का मामला है. इस मामले में प्रशासन को प्राथमिकी दर्ज करना चाहिए. इधर, बस संचालक राजू खान ने बताया कि बाइक सवार को बचाने में बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है. बस ड्राइवर टिंकू मंडल तेज तर्रार था. नशा नहीं करता था. दुर्घटना में वह भी घायल है. ड्राइवर का इलाज पीएमसीएच धनबाद में चल रहा है. स्कूटर के इन्श्योरेंस पेपर पर बस का परिचालन किये जाने के सवाल पर श्री खान ने कहा कि सभी कागजात दुरुस्त है. इस वक्त बाहर हूं. लौटकर इंश्योरेंस पेपर दिखाऊंगा.
जांच को लेकर चार सदस्यीय कमिटी गठित : डीसी
इधर, गिरिडीह के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने दुर्घटना की जांच के साथ- साथ वाहनों के कागजातों की भी जांच का आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने चार सदस्यीय जांच कमिटी गठित कर दी है जिसके जांच रिपोर्ट के बाद दोषी पाये जाने पर वाहन संचालक के विरूद्व कार्रवाई की जायेगी. डीसी ने कहा कि जांच कमिटी शीघ्र ही अपना रिपोर्ट सौंपेगी. बताया कि जांच कमिटी में एसडीओ, एसडीपीओ, डीटीओ और एमवीआई को शामिल किया गया है.
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पीरटांड़ के पास बराकर नदी में गिरी बस
बता दें कि शनिवार की रात रांची से गिरिडीह आ रही बाबा सम्राट बस पीरटांड़ के पास अनियंत्रित होकर बराकर नदी बने पुल से नीचे गिर गयी. इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गयी, वहीं 23 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इधर, रविवार को जिला प्रशासन ने इस हादसे में मृत चार लोगों के आश्रित को एक-एक लाख रुपये का चेक सौंपा है.