गिरिडीह, सूरज सिन्हा : अंग्रेजी हुकूमत के दौरान खुली सीसीएल की गिरिडीह कोलियरी संघर्ष के दौर से गुजर रही है. इस प्रक्षेत्र अंतर्गत दो माइंस हैं, जिसमें से एक कबरीबाद माइंस चालू है, वहीं ओपेनकास्ट परियोजना को चालू कराने को लेकर संघर्ष चल रहा है. इसी (इंवायरमेंटल क्लीयरेंस) और सीटीओ नहीं मिलने के कारण ओपेनकास्ट से कोयला उत्पादन एक जनवरी 2022 से ठप है. यह सीसीएल प्रबंधन के अलावा यहां के कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. जहां तक कबरीबाद माइंस की बात है तो वर्ष 2023-24 के लिए सीसीएल मुख्यालय ने चार लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया है. वहीं, आठ लाख क्यूबिक मीटर ओबी निकालने का जिम्मा है. नवंबर माह तक यहां से 1.49 लाख टन कोयला उत्पादन हुआ. वहीं, 1.64 क्यूबिक मीटर ओबी विभागीय व 1.48 क्यूबिक मीटर ओबी आउटसोर्सिंग के माध्यम से निकाला गया है. माइंस से नवंबर माह तक 2.75 लाख टन कोयला का डिस्पैच किया है. गिरिडीह कोलियरी लगभग 76 करोड़ घाटे पर चल रही है. वर्तमान में कबरीबाद माइंस में आउटसोर्सिंग से कोयला उत्पादन व ओबी हटाने का काम हो रहा है. अंबा लाल पटेल कंपनी को छह वर्षों तक प्रतिवर्ष छह लाख टन कोयला और निकालने की जिम्मेदारी मिली है. जानकारी मिली है कि इस कंपनी ने पाकुड़ की एक कंपनी को पेटी कांट्रेक्ट दिया है. आउटसोर्सिंग कंपनी के कार्यों की निगरानी सीसीएल को करना है. ओपेनकास्ट परियोजना से उत्पादन शुरू करने में जमीन बड़ी बाधा है. जमीन विवाद से जुड़े मामले का निष्पादन नहीं होने के कारण इसके चालू होने पर प्रश्न चिह्न लगा हुआ है. गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह की मानें तो नये वर्ष में जमीन विवाद का मामला सुलझ जायेगा. इसके बाद इसी व सीटीओ मिलने पर माइंस चालू होगी. आशा व्यक्त किया कि कबरीबाद माइंस के साथ-साथ ओपेनकास्ट परियोजना से कोयला का उत्पादन होने पर घाटे में काफी कमी आयेगी.
ओसीपी चालू कराने को लेकर विधायक व प्रबंधन करते रहे प्रयास
ओपेनकास्ट परियोजना को चालू कराने को लेकर गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, गिरिडीह कोलियरी के महाप्रबंधक बासब चौधरी एवं पीओ एसके सिंह प्रयासरत हैं. कागजी प्रक्रिया का निष्पादन कराने को लेकर लगातार संवाद किया जा रहा है. जमीन विवाद का मामला क्लियर होने के बाद इसी व सीटीओ के लिए संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर ओसीपी को चालू कराया जायेगा. यहां से लोकल सेल के कई मजदूरों की आजीविका निर्भर है. रोजगार के अभाव में कई मजदूर पलायन कर गये हैं. ऐसे में ओसीपी को जल्द से जल्द संचालित करने पर बल दिया जा रहा है.
कबरीबाद माइंस में 36 लाख व ओसीपी में 22 लाख टन खनन योग्य कोयला
सीसीएल सूत्रों के मुताबिक कबरीबाद माइंस में 58 लाख टन कोयला रिजर्व है. इसमें से 36 लाख टन कोयला खनन योग्य है. सीसीएल ने यहां से प्रतिवर्ष छह लाख टन कोयला का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं, दूसरी ओर ओपेनकास्ट में खनन योग्य 22 लाख टन कोयला है. हालांकि, अभी यह परियोजना बंद है.
कोयला तस्करी बनी है बड़ी समस्या
गिरिडीह कोलियरी में कोयला तस्करी बड़ी समस्याहै. पुलिस व सीसीएल प्रबंधन के संयुक्त अभियान के बाद भी कोयला चोरी रुक नहीं रही है. प्रतिदिन अवैध रूप से कोयला खनन किया जा रहा है. बाइक, साइकिल व बैलगाड़ी से कोयले को टपाया जाता है. खंतों को बंद करने को लेकर डोजरिंग अभियान संचालित है. इसके बाद भी यह धंधा रुक नहीं रहा है. कोयला चोर माइंस में घूसकर कोयला चोरी कर रहे हैं. ऐसे में कोयला तस्करों के खिलाफ ठोस कार्रवाई पर बल दिया जा रहा है.
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