गिरिडीह : पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है झारो नदी

जमुआ प्रखंड स्थित झारो नदी पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र बनी हुई है. इन दिनों सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिदिन पिकनिक मनाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 26, 2023 6:03 AM

जमुआ, सुनील वर्मा : जमुआ प्रखंड स्थित झारो नदी पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र बनी हुई है. इन दिनों सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिदिन पिकनिक मनाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं. मिर्जागंज-पचंबा पथ के कुरुमटांड़ गांव से महज एक किमी पूरब में यह नदी बहती है. यह स्थान लोगों को पर्यटन स्थल जैसा आनंद देता है. काले पत्थर के चट्टानों के बीच निरंतर बहता पानी आम लोगों को बरबस आकर्षित करता है. झारो नदी का मनोरम दृश्य युवा वर्ग को शुरू से लुभाता रहा है. झारो नदी का उद्भव स्थल प्रखंड के कुरुमटांड़ के निकट है, जो मगहाकला, टीकामगहा पंचायत से लताकी क्षेत्र में उसरी नदी की ओर चली गयी है. इस नदी को पर्याप्त मात्रा में पानी रहता है. लोग इसे प्रकृति का अद्भुत चमत्कार मानते हैं. झारो नदी यूं तो सालों भर लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन दिसंबर से जनवरी में खासकर लोगों के यहां पिकनिक मनाने के लिए आने चहल-पहल बनी रहती है.

मुक्तेश्वर धाम के रूप में हो रहा विकसित

झारो नदी के संबंध में मान्यता है कि जलस्रोत के स्थान पर शिवलिंग आकर उकेरा हुआ था. पौराणिक काल से वहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती रही है. लताकी निवासी अर्जुन प्रसाद सिन्हा ने पत्नी अनार देवी की स्मृति में 1962 में उक्त स्थान पर शिवालय का निर्माण करवाया था. कालांतर में जगन्नाथडीह-मिर्जागंज निवासी जगदीश प्रसाद साहू ने बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित कर हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया. वर्तमान में राधाकृष्ण का एक मंदिर बनाया गया है. यहां प्रतिमा स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी. मंदिर निर्माण समिति के सदस्य जगदीश साहू, अर्जुन प्रसाद साव, कृष्णा साव, राजू साव, बालेश्वर सिंह, जयदेव सिंह, विष्णुदेव वर्मा आदि ने कहा कि मिर्जागंज निवासी मोहन कुमार साहू के सौजन्य से मंदिर में मार्बल लगाया गया है. साथ ही जनसहयोग प्राप्त है. वहीं से एक सरकारी दो मंजिला किसान भवन भी बनाया गया है. झारो नदी में चंद्र कूप तथा एक चबूतरा भी बनाया गया है.

Also Read: झारखंड : वाटर फॉल और खंडोली में उमड़ी पर्यटकों की भीड़

Next Article

Exit mobile version