गिरिडीह नगर निगम : ‘शहर की सरकार’ बनाने की बन रही रणनीति, नोटिफिकेशन पर टिकी सबकी निगाहें
गिरिडीह में शहर की सरकार बनाने की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. सभी अपने-अपने तरीके से चुनाव में कूदने की तैयारी में जुट गये हैं. मेयर पद का चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा. इस चुनाव को लेकर सबकी निगाहें नोटिफिकेशन पर टिकी है.
Giridih Municipal Corporation: गिरिडीह में नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. मेयर पद के चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारी भी शुरू हो गयी है. सभी दल अपने-अपने स्तर पर इस चुनाव में कूदने की कार्य योजना पर मंथन कर रहे हैं. हालांकि, मेयर पद का चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा. इसके सभी पार्टी अपनी-अपनी तैयारी कर रही है. इस चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन पर सबकी निगाहें टिकी है.
दलीय आधार पर नहीं होगा चुनाव
मालूम हो कि वर्ष 2018 में नगर निगम मेयर एवं डिप्टी मेयर पद के लिए दलीय आधार पर चुनाव हुआ था. उस समय भाजपा, झामुमो एवं कांग्रेस ने मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए प्रत्याशियों को उतारा था. इस चुनाव में मेयर एवं डिप्टी मेयर पद पर क्रमश : भाजपा प्रत्याशी सुनील पासवान एवं प्रकाश राम की जीत हुई थी. हालांकि, इस बार दलीय आधार पर चुनाव नहीं होगा. इसके बाद भी सभी दल समर्थित प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं. यह भी कि मेयर का पद आरक्षित होगा या अनारक्षित, इस पर भी सभी की पैनी नजर है.
समर्थकों की नब्ज टटोलने में जुड़े चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता
चूंकि, अभी चुनाव का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. इसलिए कोई भी दावेदार अपनी दावेदारी करने से परहेज कर रहे हैं. चर्चा है कि मेयर पद पर राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी और शिक्षा जगत से जुड़े लोगों की भी नजर है. सभी अपने-अपने समर्थकों से संपर्क स्थापित कर नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं. कई ऐसे भी संभावित दावेदार हैं जो जातिगत समीकरण के बूते चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं.
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क्या कहते हैं राजनीतिक दलों के नेता
भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे ने कहा कि भाजपा शुरू से ही मेयर पद का चुनाव दलीय आधार पर कराने की मांग कर रही है. भाजपा के शासनकाल में दलीय आधार पर मेयर एवं डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव हुआ था. लेकिन, हेमंत सरकार इससे भाग रही है. इसके बाद भी मेयर पद के चुनाव को लेकर भाजपा तैयार है. पिछली बार भाजपा प्रत्याशी ही मेयर व डिप्टी मेयर पद पर जीते थे. इस बार भी भाजपा समर्थित मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी. एक से अधिक प्रत्याशी होने पर सर्वसम्मति बनायी जायेगी.
वोटर में पकड़ रखने वाले को मिलेगी तरजीह : झामुमो
वहीं, झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि मेयर पद के चुनाव को लेकर झामुमो नगर समिति सांगठनिक कार्य में लगी हुई है. अभी यह तय नहीं हुआ है कि मेयर पद आरक्षित होगा या अनारक्षित. इस बार दलीय आधार पर चुनाव नहीं होगा. इसलिए समर्थित प्रत्याशी के चयन को लेकर मंथन किया जायेगा. समान विचार के मतदाताओं के मतों का बिखराव नहीं हो इस पर विशेष ध्यान होगा. पार्टी के कई लोगों ने चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त किया है. मतदाताओं में पकड़ रखने वाले को तरजीह दी जायेगी.
बेहतर कार्य करने वाले प्रत्याशी को लाने की जरूरत : कांग्रेस
कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा ने कहा कि मेयर पद का चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा. ऐसे में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. कांग्रेस से कितने लोग इस पद के लिए अपनी दावेदारी करते हैं, उस पर नजर है. इन दावेदारों में से एक मजबूत दावेदार को समर्थन देकर चुनाव मैदान में उतारने की कोशिश की जायेगी. नगर निगम में बेहतर कार्य करने वाले प्रत्याशी लाने की जरूरत है. वैसे अभी मेयर पद के लिए न तो आरक्षण तय हो पाया है और न नोटिफिकेशन जारी हुआ है. लिहाजा पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
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नगर निगम के सभी 36 वार्डों में माले का संगठन सक्रिया : राजेश सिन्हा
गिरिडीह विस क्षेत्र के भाकपा माले प्रभारी राजेश सिन्हा ने कहा कि मेयर पद का चुनाव निर्दलीय होना है. अभी आरक्षण की घोषणा नहीं हुई है. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भाकपा माले की बैठक होगी. बैठक में पार्टी के प्रमुख नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. सभी की सहमति से आगे की रणनीति तय की जायेगी. वैसे नगर निगम क्षेत्र के सभी 36 वार्डों में माले का संगठन सक्रिय है. जनसवालों पर पार्टी हमेशा संघर्ष करते रहती है. नगर निगम क्षेत्र का समुचित विकास के लिए एक मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारा जायेगा.
रिपोर्ट : सूरज सिन्हा, गिरिडीह.