गिरिडीह में वन विभाग की ओर से आदिवासियों पर हो रही कार्रवाई के विरोध में आदिवासी संघर्ष मोर्चा, अखिल भारतीय किसान महासभा तथा भाकपा माले ने मोर्चा खोल दिया है. प्रशासन को सख्त चेतावनी दी है कि आदिवासियों को उनकी जमीन से उजाड़ने की कोशिश बंद हो. अगर आदिवासियों के खिलाफ वन विभाग की कार्रवाई नहीं रुकी, तो आंदोलन किया जायेगा.
गिरिडीह के डीसी से मिला शिष्टमंडल
आदिवासी संघर्ष मोर्चा, अखिल भारतीय किसान महासभा तथा भाकपा माले की अगुवाई में शुक्रवार को एक शिष्टमंडल ने गिरिडीह के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा से मुलाकात की. शिष्टमंडल ने उनसे वन भूमि पर कई पीढ़ियों से बसे आदिवासियों को वन विभाग द्वारा उजाड़ने की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने सहित इन आदिवासियों एवं जरूरतमंदों को जमीन का पट्टा देने की मांग की.
किसान महासभा के राजकुमार यादव ने की टीम की अगुवाई
टीम की अगुवाई किसान महासभा के प्रदेश सचिव राजकुमार यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव, किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी मेंबर पूरन महतो, माले नेता राजेश सिन्हा, जय नारायण यादव, मनोज सोरेन, बबुआ सोरेन व अन्य कर रहे थे.
डीसी ने दिया भरोसा
इस दौरान भाकपा माले की टीम की ओर से डीसी को एक आठ सूत्री मांग पत्र भी सौंपा गया. शिष्टमंडल ने वंचित आदिवासी गांवों में सड़क निर्माण, ढिबरा मजदूरों के लिए सोसायटी बनाकर रोजगार उपलब्ध कराने, अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को सहारा दिलाने, सभी वृद्ध, विधवा एवं विकलांगों को पेंशन दिलाने की भी मांग की गयी. डीसी ने शिष्टमंडल को सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिया.
इनकी थी सहभागिता
मुलाकात के बाद भाकपा माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि आदिवासियों को उजाड़ने की कार्रवाई पर रोक नहीं लगी, तो 17 मई को हजारों लोग सड़क पर उतरने को बाध्य हो जायेंगे. मौके पर जयनारायण यादव, मनोज सोरेन, बबुआ सोरेन, धोमा मुर्मू, अर्जुन किस्कू, चंद्रा बेसरा, लालो बेसरा, बिसुन बेसरा, ननकु किस्कू सहित माले नेता मनोज कुमार यादव, कन्हैया सिंह व अन्य मौजूद थे.