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गिरिडीह : सदर अस्पताल का गेट बंद कर सड़क पर लेटे मरीज, कर्मियों को पिछले कई माह से नहीं मिला है वेतन

सोमवार की दोपहर कंपनी के पीपीपी मैनेजर संदीप चक्रवर्ती ने सेंटर में कार्यरत कर्मियों को मेल भेज कर मरीजों का डायलिसिस नहीं करने व सेंटर बंद करने का निर्देश दिया. इसके बाद सेंटर के कॉर्डिनेटर विक्रम ज्योति ने डायलिसिस सेंटर में ताला लगा दिया और मरीजों का डायलिसिस बंद कर दिया.

  • सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर के कर्मियों को पिछले कई माह से नहीं मिला है वेतन

  • एक घंटे तक नारेबाजी करते रहे लोग

  • एसडीएम के निर्देश पर शुरू हुआ डायलिसिस

प्रतिनिधि, गिरिडीह : सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर के कर्मियों को पिछले कई माह से वेतन नहीं मिला है. इसके विरोध में उन्होंने सोमवार की दोपहर करीब 2.30 बजे से किडनी के मरीजों का डायलिसिस करना बंद कर दिया. इस कारण जिले के अलग-अलग हिस्सों से डायलिसिस कराने आये मरीज और उनके तीमारदार परेशान हो उठे. जैसे ही मरीजों को यह जानकारी मिली कि सदर अस्पताल में उनका डायलिसिस नहीं होगा, तो सभी अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर सड़क पर बैठ गये और जान बचाने की गुहार लगाते हुए नारेबाजी करने लगे. इस दौरान अस्पताल का गेट बंद कर दिया. मालूम रहे कि सदर अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और इस्काज संजीवनी डायलिसिस सेंटर मरीजों का नि:शुल्क डायलिसिस करता है. लेकिन पिछले कुछ माह से सेंटर के कर्मियों का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है.

कंपनी के पीपीपी का मेल मिलने पर बंद किया कार्य  

सोमवार की दोपहर कंपनी के पीपीपी मैनेजर संदीप चक्रवर्ती ने सेंटर में कार्यरत कर्मियों को मेल भेज कर मरीजों का डायलिसिस नहीं करने व सेंटर बंद करने का निर्देश दिया. इसके बाद सेंटर के कॉर्डिनेटर विक्रम ज्योति ने डायलिसिस सेंटर में ताला लगा दिया और मरीजों का डायलिसिस बंद कर दिया. इसके बाद सभी मरीज सड़क पर उतर गये. जानकारी मिलने पर सदर एसडीएम विशालदीप खलको मौके पर पहुंचे और मरीजों की बात सुनी. उन्होंने कंपनी के कर्मियों को जमकर फटकार लगायी और मरीजों को सड़क से उठा कर डायलिसिस सेंटर तक पहुंचाया. इसके बाद डायलिसिस शुरू हुआ.

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‘किसी तरह जान बचा दीजिये साहब… शरीर फट रहा है’

सदर अस्पताल में सोमवार की सुबह से ही काफी संख्या में मरीज डायलिसिस करवाने पहुंचे थे. दूर-दराज से भूखे-प्यासे अस्पताल पहुंचे मरीजों को घंटों नंबर लगा कर खड़ा रहने के बाद जब पता चला कि डायलिसिस करने से कर्मियों ने मना कर दिया है, तो उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे. बलिया से पहुंचे मरीज जुमन मियां, मजरूल, मंजू मुर्मू, जमुआ के धुरगडगी के कपिलदेव राय, ममता देवी के अलावा दर्जन भर मरीज पत्रकारों को देखते ही कहने लगे कि किसी तरह हमलोगों की जान बचा दीजिये. सुबह से भूखे-प्यासे पड़े हैं. यहां डायलिसिस नहीं हो रहा है. उनकी सांस फूल रही है. यदि समय पर डायलिसिस नहीं हुआ तो जान भी जा सकती है.

एसडीएम ने दिया कर्मियों व कंपनी पर कार्रवाई का निर्देश

सदर एसडीएम विशालदीप खलको ने बताया कि जैसे ही उन्हें इसकी जानकारी मिली, वह तत्काल मौके पर पहुंचे और सभी मरीजों का डायलिसिस शुरू करवाया. इस मामले में सिविल सर्जन से बात कर दोषी कर्मियों और डायलिसिस सेंटर चलाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. कहा कि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ जिला प्रशासन या सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. इस मामले में संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को लिखा जायेगा.

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