गिरिडीह : रबी फसल के लिए वरदान साबित हो रही बारिश
चक्रवात के प्रभाव से दो दिनों तक देवरी प्रखंड में हुई बारिश रबी फसल की खेती के लिए वरदान साबित हुई है.
चक्रवात के प्रभाव से दो दिनों तक देवरी प्रखंड में हुई बारिश रबी फसल की खेती के लिए वरदान साबित हुई है. रबी फसल की खेती में जुटे किसान वजीर महतो, रघुनंदन वर्मा, टेकलाल महतो, डिलो महतो, रामदेव वर्मा, इंदुभूषण वर्मा आदि ने बताया कि बारिश से खेतों में नमी आने से रबी फसल की खेती को फायदा हुआ है. बारिश के बाद क्षेत्र में वह सरसों, गेंहू व चना की खेती में जुटे हुए हैं. वर्तमान में खेतों की जुताई व बीज की बुआई का काम चल रहा है. बारिश होने से पूर्व में जिन किसानों ने खेतों गेहूं, सरसों, मटर, चना, मसूर का बीज लगाया था, उसकी हरियाली बढ़ गयी है. सरसों की फसल में फूल भी लगने लगा है. हरियाली से उत्साहित किसान फसल की निराई-गुड़ाई की कार्य में जुट गए हैं. इस वर्ष क्षेत्र के किसानों को रबी फसल की बेहतर उपज होने की उम्मीद है.
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सोलर सिटी के क्रियान्वयन में आयेगी तेजी, एक किलोवाट की बाध्यता समाप्त
सोलर सिटी के रूप में गिरिडीह को विकसित करने के काम में अब तेजी आयेगी. राज्य सरकार ने गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र के आवासीय उपभोक्ता जिनका स्वीकृत लोड एक किलो प्रति उपभोक्ता था, उसे बढ़ाकर तीन किलोवाट तक कर दिया है. पूर्व में सरकार ने जो अधिसूचना जारी की थी, उसमें एक किलोवाट की बाध्यता थी यानि झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा जिन उपभोक्ताओं को एक किलोवाट का कनेक्शन स्वीकृत है, उसे एक किलोवाट ही देने का निर्णय लिया गया था. ऐसे में सोलर सिटी के रूप में गिरिडीह को विकसित करने में कठिनाई आ रही थी. यह जानकारी गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने दी.
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23 हजार उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ : विधायक
विधायक श्री सोनू ने बताया कि इसका लाभ अब गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र के 23 हजार घरेलू उपभोक्ता उठा सकेंगे. ऐसे उपभोक्ताओं को घरों की छतों पर एक किलोवाट से अधिक क्षमता के सोलर रूफटॉप पावर प्लांट के अधिष्ठापन की स्वीकृति मिल जायेगी, बशर्ते उनकी छत पर रूफटॉप स्पेस उपलब्ध हो. इसके लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त खर्च के वहन पर सहमति जता दी है. सोलर सिटी योजना अंतर्गत निगम क्षेत्र के उपभोक्ताओं को तीन किलोवाट क्षमता तक के सोलर पावर प्लांट अधिष्ठापित किये जाने पर देय सीएफए की राशि के उपरांत शेष राशि राज्य सरकार सहायता अनुदान के रूप में करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. उपभोक्ता के लिए घर का बिजली लोड तीन किलोवाट से अधिक क्षमता के पावर प्लांट अधिष्ठापित किये जाने पर लागत राशि का तीस प्रतिशत राशि लाभुक के द्वारा वहन करना है तथा देय सीएफए की राशि के उपरांत शेष राशि का वहन राज्य सरकार सहायता अनुदान के रूप में करने की स्वीकृति दी गयी है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने प्रथम पुनरीक्षित प्राक्कलित राशि 106.57 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है. विधायक श्री सोनू ने बताया कि तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले विद्युत उपभोक्ताओं को भी 60 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा सहायता अनुदान के रूप में वहन किया जायेगा. जबकि, तीन लाख से अधिक आय वाले विद्युत उपभोक्ताओं का तीस प्रतिशत की राशि राज्य सरकार सहायता अनुदान के रूप में वहन करेगी और 30 प्रतिशत की राशि लाभुक को स्वयं वहन करना पड़ेगा.
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