गिरिडीह : हाथी के हमले से मृतक की पत्नी को मिलेगा चार लाख
गुरुवार को सरिया वन विभाग कार्यालय परिसर में हाथी के हमले से मृतक की पत्नी कश्मीर देवी को जिप सदस्य अनूप कुमार पांडेय की उपस्थिति में बतौर अग्रिम मुआवजा 75 हजार नगद दिया गया.
बुधवार की देर रात जंगली हाथियों के हमले से मृत मजदूर बिहार के खगड़िया जिला के कोल्हापुर गणगौर निवासी अजय चौधरी के परिजन गुरुवार को सरिया पहुंचे. गुरुवार को सरिया वन विभाग कार्यालय परिसर में हाथी के हमले से मृतक की पत्नी कश्मीर देवी को जिप सदस्य अनूप कुमार पांडेय की उपस्थिति में बतौर अग्रिम मुआवजा 75 हजार नगद दिया गया. इस दौरान वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी सुरेश राम ने बताया कि हाथियों के हमले से मृतक के आश्रितों को वन विभाग द्वारा चार लाख रुपये देने का प्रावधान है. शेष मुआवजा तीन लाख 25 हजार का भुगतान आश्रित के खाते में किया जायेगा. मौके पर आजसू नेता बिरेंद्र यादव, फोरेस्टर अंशु कुमार समेत वन विभाग के दर्जनों अधिकारी मौजूद थे. मृतक की पत्नी कश्मीर देवी ने बताया कि उसके पति 25 दिन पहले ही सरिया आये थे और छतरबाद स्थित एफसीआई गोदाम में मजदूरी कर रहे थे.
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हाथियों के झुंड ने स्कूल व खेत को बनाया निशाना
हाथियों का झुंड दो दिन बाद एक बार फिर बिरनी क्षेत्र में प्रवेश कर गया है. मंगलवार को बोकारो की क्यूआरटी ने झुंड को सरिया क्षेत्र के उर्रो के जंगल में खदेड़ दिया था. इसके बाद टीम वापस लौट गयी थी. हाथियों ने बुधवार की रात सरिया में छत्रबाद गांव में एक व्यक्ति को कुचल कर मार दिया था. इसके बाद झुंड ने मध्य रात्रि के बाद गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल अंतर्गत बिरनी के झरखी गांव पहुंचा. यहां हाथियों के झुंड ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय को निशाना बनाया. स्कूल का दरवाजा तोड़ दिया और स्कूल के अंदर रखे 50-50 किलो चावल व मड़ुवा आटा चट कर गया.
हाथियों का झुंड वहां से बाहर निकलकर पिपराडीह जंगल के पास मुखिया सहदेव यादव के दो एकड़ खेत में लगे धान की फसल को नष्ट कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के झुंड सरिया के उर्रो जंगल से निकलकर बिरनी के झरखी व पिपराडीह गांव पहुंचा है. ग्रामीण अबुल अंसारी, रामकृष्ण वर्मा, इजरायल अंसारी, मुखिया सहदेव यादव आदि ने बताया कि डर इस बात का है कि हाथियों का झुंड जिस जंगल में है, वहां से झरखी व पिपराडीह की दूरी मात्र एक किलोमीटर है. बराकर नदी पार करते ही झरखी व पिपराडीह, बाराडीह, जमुनियांटांड़ पड़ता है. वहां हाथियों के झुंड कभी भी निकलकर इन गांव में तबाही मचा सकते हैं. फसल रौंदना व घर को ध्वस्त करना झुंड के लिए आम बात है. कभी भी किसी ग्रामीण की जान भी ले सकता है.
वन विभाग टीम भगाने का कर रही है प्रयास
गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल के वनपाल सागर कुमार व वनरक्षी अनु सोरेन ने कहा कि हाथियों को भगाने के लिए या गांव में प्रवेश नहीं होने देने के लिए वन विभाग की टीम लगी हुई है. हाथियों के झुंड के पीछे टीम चल रही है. हाथियों के झुंड ने किसी को कोई नुकसान पहुंचाया है तो वह आवेदन दें. आकलन कर उन्हें विभाग से प्रावधान के तहत मुआवजा मिलेगा.
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