Agra : यूपी के आगरा में चलती ट्रेन में बुधवार को एक 4 साल की बच्ची का पैर टॉयलेट की कमोड में फस गया. जिसकी वजह से बच्चे काफी देर तक दर्द से कराहती रही और रोती रही. बच्ची के मां-बाप ने उसके पैर को निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन करीब 20 किलोमीटर तक जब बच्ची का पैर कमोड से बाहर नहीं निकला तो इसकी सूचना रेल प्रशासन को दी गई. जिसके बाद टेक्निकल टीम ने मौके पर पहुंचकर आधा घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची के पैर को बाहर निकाला. पैर फंसने की वजह से बच्ची के चोट भी आ गई.
बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले मोहम्मद अली अपनी पत्नी और 4 साल की बेटी साइना के साथ बरौनी बांद्रा अवध एक्सप्रेस में एसी कोच बी सिक्स में सफर कर रहे थे. 15 अगस्त को सुबह ट्रेन आगरा फोर्ट स्टेशन से रवाना हुई. ट्रेन के ईदगाह स्टेशन पार करने के बाद बच्ची को टॉयलेट लगी जिससे बच्ची की मां उसे टॉयलेट में ले गई.
मां के मोबाइल पर किसी की कॉल आ गई जिससे वह बात करने में बिजी हो गई. और उसका ध्यान बच्ची के ऊपर से हट गया. ट्रेन स्पीड में थी जिसकी वजह से हिल रही थी और इसी के चलते बच्ची का पैर फिसल गया और कमोड में फस गया. बच्ची रोने लगी उसकी मां ने बच्ची का पर निकलने की काफी कोशिश की. लेकिन जब पर नहीं निकला तो मां ने शोर मचाया. इसके बाद बच्ची के पिता भी पहुंच गए और तमाम यात्री भी इकट्ठे हो गए. सभी ने बच्ची का पैर निकालने की काफी कोशिश की लेकिन कोई भी सफलता नहीं मिली.
कमोड में पैर फसने की वजह से बच्ची दर्द से चीखने लगी. करीब 24 किलोमीटर की दूरी पर फतेहपुर सीकरी स्टेशन आने वाला था. इस बीच किसी यात्री ने रेलवे की हेल्पलाइन पर घटना की जानकारी देकर मदद मांगी. जिसके बाद यात्री को बताया गया कि अगले स्टेशन पर आपको मदद मिल जाएगी.
जब आधा घंटे बाद ट्रेन फतेहपुर सीकरी स्टेशन पर पहुंची तो यहां पर आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने कोच को अटेंड किया और बच्ची का पैर निकालने की कोशिश करने लगे. लेकिन बुरी तरह से फंसे होने के कारण वह भी बच्ची के पैर को नहीं निकाल सके. जिसके बाद इसकी जानकारी रेलवे के अधिकारियों को दी गई और उन्हें बताया गया की बच्ची का पर निकलने के लिए कमोड के बायो बॉक्स को खोलना पड़ेगा.
अधिकारियों को सूचना देने के बाद आगरा से एक टेक्निकल टीम को फतेहपुर सीकरी स्टेशन भेजा गया. टीम ने करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद बॉक्स खोलकर बच्ची के पैर को बाहर निकाल लिया. इस दौरान काफी यात्रियों की भीड़ लग गई. बच्ची के पैर में चोट लगने की आशंका के चलते पहले से ही स्वास्थ्य केंद्र से स्वास्थ्य कर्मियों को एंबुलेंस के साथ बुला लिया गया था. इसके बाद बच्ची के पैर में पट्टी बांधी और फिर करीब 1 घंटे बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हो गई.