Unlock 6.0, Coronavirus in Jharkhand, Patratu Valley पतरातू (अजय तिवारी) : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर पूरे देश में 8 महीने के लॉकडाउन के बाद अब जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. झारखंड के पर्यटन स्थलों की भी रौनक लौटने लगी है. राजधानी रांची से सटे रामगढ़ जिला के पतरातू घाटी में सैलानियों की भीड़ फिर से उमड़ने लगी है.
पलानी के फुलवा कोचा स्थित झरना पतरातू समेत आसपास के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. पतरातू, रांची, रामगढ़ समेत झारखंड के दूर-दराज के इलाकों से यहां हर हजारों सैलानी हर आ रहे हैं. झारखंड के पर्यटन स्थलों में पतरातू अग्रणी स्थान रखता है.
पर्यटन विभाग ने पतरातू डैम समेत पतरातू-रांची घाटी में पर्यटकों के लिए सुविधाओं की शुरुआत की है. बावजूद इसके, अभी तक विभाग की नजरों से पलानी झरना अछूता है. हालांकि, पर्यटकों के लिए यह जगह अनजान नहीं है. लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने के लिए बरबस खिंचे चले आते हैं.
झरना के आसपास का मनोरम दृश्य पर्यटकों को अभी से लुभाने लगा है. अगर इस स्थल को विभाग द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर दिया जाये, तो सरकार को राजस्व की आय भी होगी और इस पर्यटन स्थल का विकास होने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलने लगेगा.
पलानी झरना तक आप सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं. यह पतरातू डैम से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. पर्यटक निजी वाहन से वहां औद्योगिक क्षेत्र सोलिया, पलानी होते हुए आ सकते हैं. हालांकि, कुछ दूर तक सड़क मार्ग दुरुस्त नहीं रहने व सिंगल रोड होने के कारण पर्यटकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. कभी-कभी चार पहिया वाहनों के कारण जाम भी लग जाता है.
Also Read: PARADIGM! 3 किलोमीटर लंबी, 10 फुट चौड़ी सड़क के लिए ग्रामीणों ने दान की जमीन, श्रमदान से 15 दिन में तैयार हो गयी सड़क
झरना तक पहुंचने के लिए सड़क की व्यवस्था जरूरी है. झरना के आसपास पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था करनी होगी. अगर यह झरना पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाता है, तो स्थानीय ग्रामीणों का भी विकास होगा. हालांकि, सरकार को यहां सैलानियों की सुरक्षा के भी इंतजाम करने होंगे.
Posted By : Mithilesh Jha