झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने गोड्डा डीसी पर मुकदमा करने का आदेश दिया है. आदेश 18 अप्रैल को झारखंड राज्य खाद्य आयोग की आंतरिक बैठक में दिया गया है. बैठक की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने की. आयोग की आंतरिक बैठक का मिनट्स भी जारी हुआ है. इसके अनुसार, 25 नवंबर 2021 को झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने गोड्डा जिले का भ्रमण किया था.
वहां सुंदरपहाड़ी प्रखंड के स्थल निरीक्ष्रण के दौरान उन्होंने नमक एवं चीनी के वितरण एवं रख-रखाव में अनियमितता पायी थी. 26 नवंबर को उन्होंने गोड्डा डीसी को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट करने एवं कुछ बिंदुओं पर जांच करने के साथ वस्तुस्थिति से आयोग को भी अवगत कराने का अनुरोध किया था. डीसी ने इसका जवाब नहीं दिया.
इसे गंभीरता से लेते हुए आयोग ने कार्मिक सचिव को भी 16 मार्च 2022 को पत्र भेजा और गोड्डा डीसी के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया गया. फिर पांच अप्रैल 2022 को खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव हिमानी पांडेय ने भी पत्र भेजकर आठ अप्रैल तक गोड्डा डीसी को जवाब देने का निर्देश दिया था.
उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि राज्य खाद्य आयोग को किसी मामले को मजिस्ट्रेट को अग्रसारित करने की शक्ति प्राप्त है. ऐसा मजिस्ट्रेट अभियुक्त के विरुद्ध उसी प्रकार सुनवाई करेगा, मानो वह मामला दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 346 के अधीन अग्रसारित किया जाना है. गौरतलब है कि इस धारा में दो वर्ष तक के कारावास तक की सजा का प्रावधान है. हालांकि इसके बाद भी डीसी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया.
गोड्डा डीसी ने कहा कि मामले में डिस्ट्रिक्ट सप्लाई अफसर (डीएसओ) को नवंबर 2021 में ही झारखंड राज्य खाद्य आयोग के पत्र का जवाब तैयार कर भेजने का निर्देश दिया था. लेकिन डीएसओ द्वारा जवाब नहीं दिया गया. इसको गंभीर मानते हुए मैंने डीएसओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग से अनुशंसा की है.
Posted By: Sameer Oraon