गोड्डा जिले के अंतिम छोर पर स्थित ठाकुरगंगटी प्रखंड के अस्पताल में मात्र एक डॉक्टर कार्यरत है. लंबे समय से इस अस्पताल में महिला चिकित्सक की मांग के बाद भी डॉक्टरों का पदस्थापन नहीं हो सका है. यहां वर्षों से महिला चिकित्सक की मांग क्षेत्र वासियों की ओर से की जा रही है. बावजूद भी महिलाओं के उपचार करने के लिए एक भी महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई. संपूर्ण इलाज एक पुरुष डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. प्रखंड क्षेत्र की आबादी 124000 हजार बतायी जाती है. इस अस्पताल में एक भी महिला चिकित्सक नहीं रहने के कारण इलाज के लिए अस्पताल आने वाली महिलाएं अपनी समस्या को लेकर खुल कर नहीं बता पाती हैं. वे पुरुष डॉक्टर को बताने पर कतराती हैं, जो इस क्षेत्र के लिए काफी चिंतनीय विषय है. यह क्षेत्र काफी सुदूरवर्ती है. यहां सीमावर्ती क्षेत्रों साहिबगंज, भागलपुर के साथ-साथ पड़ने वाले गोड्डा जिले के लोग इलाज कराने काफी संख्या में पहुंचते हैं. पूरा अस्पताल एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. बताया जाता है कि प्रतिदिन ओपीडी में सैकड़ों से ज्यादा मरीज देखे जाते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह समस्या बनी हुई है. इससे प्रखंड के साथ-साथ अन्य स्थानों से आने-जाने वालों को परेशानियों के कारण अन्यत्र जगहों पर जाकर इलाज करवाना पड़ता है. इस वजह से गरीब परिवार को काफी खर्च उठाना पड़ता है. सरकार की ओर से करोड़ों की बिल्डिंग तो खड़ी कर दी गयी, पर डॉक्टरों का अभाव है.
चिक्त्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि इस बाबत पूछे जाने पर बताया कि पूरे मामले की जानकारी वरीय पदाधिकारी को भेजी गयी है. चिकित्सक की कमी है.
Also Read: गोड्डा : पथरगामा में चिकित्सा प्रभारी की गाड़ी 20 सालों से है कबाड़, नहीं है सरकारी वाहन