गोड्डा : मनरेगा के तीन करोड़ से अधिक पशु शेड व सिंचाई कूप के रुपये हैं बकाया, एक साल से नहीं हुआ है भुगतान

बड़े पैमाने पर वित्तीय वर्ष 21-22, 22-23 में मनरेगा योजना के तहत बड़ी संख्या में योजनाओं की स्वीकृति दी गयी है. लेकिन समय मटेरियल का भुगतान नहीं होने से लोगों में नाराजगी है. उचित समय पर पैसा नहीं मिलने की वजह कर्ज से परेशान है. क्योंकि सीमेंट, बालू, गिट्टी उधार में लाभुकों को खरीदना पड़ता है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 27, 2023 11:14 AM

पोड़ैयाहाट : सरकार के अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा की बुरा हाल है. प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा के तहत किये गये कार्यों का वित्तीय वर्ष 21-22, 22-23 का भुगतान लगभग एक साल से नहीं हो पा रहा है. मजदूरों का भुगतान भी नहीं हो पाया है. हालांकि कुछ पंचायत में भुगतान हुआ है. जिसके कारण लोगों को व मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं मनरेगा योजना एक्ट के तहत 15 दिनों के अंदर मजदूरों का भुगतान एवं मटेरियल का भुगतान भी किये जाने का प्रावधान है. मगर मजदूरों का भुगतान एक-दो माह के अंदर हो जाता है. लेकिन मटेरियल का भुगतान कई माह से नहीं हो पाता है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 21-22 में पशु शेड एक साल पूर्व ही भी बनकर तैयार है. लगभग 123 पशु शेड बनकर कर तैयार है, जिसका भुगतान लगभग तीन करोड़ करना है. लेकिन आज तक लाभुकों का भुगतान नहीं हो पाया, जिससे लाभुकों में काफी नाराजगी है. लाभुक प्रेमलाल ठाकुर, महिंद्र टुडू, तालको किस्कू आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि उनलोगों के पशु शेड की स्वीकृति एक साल पूर्व ही हुआ था, जो बनाकर लगभग अपने निजी खर्च से तैयार किया गया है. सरकार की ओर से भुगतान नहीं किया गया है. लगभग 115 बनकर तैयार है, जिसका बकाया लगभग तीन करोड़ है. उनका भी भुगतान नहीं किया गया है. जबकि सिंचाई कूप किसानों के लिए काफी लाभदायक होता है. ऐसे में मनरेगा योजना की हाल प्रखंड में खस्ताहाल है. क्योंकि जिस भी लाभुक ने अपने घर से पैसे खर्च कर निर्माण किया है. उसे उचित समय पर पैसा नहीं मिलने की वजह कर्ज से परेशान है. क्योंकि सीमेंट, बालू, गिट्टी उधार में लाभुकों को खरीदना पड़ता है.


समय पर भुगतान नहीं होने से लोग हैं परेशान

गोड्डा के पौड़याहाट प्रखंड क्षेत्र के सकरी फुलवार, हरियारी, सतबंधा सहित दर्जनों गांव के लोग प्रतिदिन प्रखंड मुख्यालय में पता लगाने पहुंचते हैं कि शायद मनरेगा की योजना की राशि हम लोग तो मिल जाये, लेकिन खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है. क्योंकि सरकार की ओर से राशि ब्लॉक में नहीं भेजी गयी है. जानकारी हो कि बड़े पैमाने पर वित्तीय वर्ष 21-22, 22-23 में मनरेगा योजना के तहत बड़ी संख्या में योजनाओं की स्वीकृति दी गयी है. लेकिन समय मटेरियल का भुगतान नहीं होने से लोगों में नाराजगी है. कई योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर जिला परिषद के सदस्य राघवेंद्र सिंह द्वारा मनरेगा योजना में गड़बड़ी को लेकर आवेदन भी दिया गया था. मगर मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई अंत में उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा.

बीपीओ का क्या हैं कहना

इस संबंध में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि मनरेगा योजना को लेकर जो भी भुगतान लंबित पड़ा है. उसकी डिमांड भेजी गयी है.

क्या कहते हैं मुखिया संघ अध्यक्ष : मुखिया संघ के अध्यक्ष अनुपम भगत ने कहा कि प्रखंड के 31 पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत सिंचाई कूप एवं पशु शेड में मटेरियल का भुगतान नहीं हो पाया है, जो लाभुकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. अभिलंव प्रशासन को पहल करके भुगतान करने की जरूरत हैं.

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