लॉकडाउन के कारण बेहाल हो रहे गोला के किसान, 8 रुपये किलो बिक रहा है मिर्च

दुलमी प्रखंड (Dulmi Block) क्षेत्र के किसानों को लॉकडाउन (Lockdown) में सब्जी नहीं बिकने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. इस क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर मिर्च की खेती की जाती है. लेकिन लॉकडाउन के कारण मिर्च की खेती करने वाले किसानों की भी कमर टूट गयी है. मिर्च की बिक्री नहीं होने से किसानों को बाजारों में घूम-घूमकर मिर्च को 8 से 10 रुपये किलो बेचना पड़ा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2020 2:24 PM

दुलमी : दुलमी प्रखंड क्षेत्र के किसानों को लॉकडाउन में सब्जी नहीं बिकने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. इस क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर मिर्च की खेती की जाती है. लेकिन लॉकडाउन के कारण मिर्च की खेती करने वाले किसानों की भी कमर टूट गयी है. मिर्च की बिक्री नहीं होने से किसानों को बाजारों में घूम-घूमकर मिर्च को 8 से 10 रुपये किलो बेचना पड़ा रहा है. इसके बावजूद मिर्च नहीं बिक पा रहा है. जिससे किसानों के लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. जिस कारण दिनों-दिन किसान कर्ज में डूब रहे है. पढ़िये धनेश्वर कुंदन की रिपोर्ट

जानकारी के अनुसार किसान महेंद्र ओहदार, टिकेंद्र मुंडा, नंदलाल महतो, रंजीत कुशवाहा ने बताया कि दुलमी क्षेत्र में लॉकडाउन का सबसे बुरा असर मिर्च की खेती में हुई है. पिछले वर्ष 60 से 80 रुपये किलो मिर्च बिकता था. लेकिन इस बार 8 से 10 रुपये किलो बिक रहा है. जिस कारण हमलोगों के लागत मूल्य भी नहीं आ पा रहा है. किसानों का कहना है कि प्रत्येक सप्ताह 5 से 10 हजार रुपये तक की मिर्च की बिक्री करते थे. लेकिन इस वर्ष 500 रुपये का भी मिर्च नहीं बेच पाये है.

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दाम सुनकर तीखा नहीं लग रहा है

लॉकडाउन से पहले मिर्च का दाम सुनकर लोगों को तीखा लगता था. बाजारों में लोग 50 से 100 ग्राम मिर्च खरीदते थे. लेकिन लॉकडाउन में मिर्च के दाम में अप्रत्याशित कमी आने के बाद इसके दाम सुनकर लोगों को तीखा नहीं लग रहा है. साथ ही लोग 500 ग्राम से एक किलो तक मिर्च खरीद रहे है.

हरी मिर्च हो गयी लाल

मिर्च की बिक्री नहीं होने के कारण किसान हरी मिर्च को खेतों में छोड़ दे रहे है. जिस कारण हरी मिर्च अब लाल हो रहे है और टूट कर सड़ रहे है. जिस कारण किसान निराश है.

इन किसानों को हुई बड़ी क्षति

दुलमी प्रखंड क्षेत्र के श्रवण कुमार, महेंद्र ओहदार, नरेंद्र कुमार, राजकुमार, शंकर मुंडा, बिजेंद्र महतो, सुदेश कुमार, शैलेंद्र कुमार, गोपाल महतो, रंजीत ओहदार, टिकेश्वर महतो, योगेंद्र महतो, पुनीत मुंडा सहित कई किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

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