कोलकाता. बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों व एयरपोर्ट से लगातार सोना की तस्करी की घटनाएं सामने आ रही हैं. सोना पर उच्च सीमा शुल्क और जीएसटी के प्रभाव के कारण यह लगातार महंगा होता जा रहा है. इस वजह से सोना की तस्करी लगातार बढ़ रही है. कहा जा रहा है कि कोलकाता के बाजार में सोना की तस्करी से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. स्थिति यह है कि पश्चिम बंगाल तस्करी के सोने के कारोबार में देश के शीर्ष तीन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है.
केरल, तमिलनाडु के बाद बंगाल का स्थान है. तस्करी का सोना मुख्य रूप से बांग्लादेश और म्यांमार से कोलकाता के बाजार में पहुंचता है. हाल के दिनों में अवैध सोने की जब्ती कई गुना बढ़ गयी है. अब कोलकाता के कारोबारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से फरियाद की है. हाल के दिनों में कोलकाता से कस्टम और बीएसएफ में बड़ी मात्रा से तस्करी के सोना को जब्त किया है और गिरफ्तारियों में भी इजाफा हुआ है. बीएसएफ बांग्लादेश की सीमा पर विशेष रूप से निगरानी बढ़ा दी है.
जानकारी के अनुसार, तस्करी के सोने कानूनी तौर पर खरीदे गये हर 10 ग्राम सोने की कीमत में करीब आठ हजार रुपये का अंतर है. आंकड़े के अनुसार, साल 2020 में पश्चिम बंगाल में लगभग 222 किलोग्राम तस्करी हुआ सोना पकड़ा गया. अगले दो साल में यह आंकड़ा क्रमश: 255 और 369 किलो तक पहुंच गया, यानी तस्करी तेजी से बढ़ी है. यह सोना म्यांमार या बांग्लादेश के रास्ते बंगाल आ रहा है. 2020 में ऐसे 86 मामले सामने आये. साल 2021 में यह संख्या बढ़कर 109 हो गयी. पिछले साल यह 214 पर पहुंच गया था. हालांकि व्यवसायियों का कहना है कि यह आंकड़ा वास्तव में केवल सांकेतिक है, वास्तविक स्थिति और भी खराब है. बाजार में इतनी बड़ी मात्रा में अवैध सोना की घुसपैठ छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर रहा है.
इस बारे में सेव द गोल्ड इंडस्ट्री कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष समर डे ने कहा : तस्करी का सोना बोझ बन रहा है. मैं कई बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी इस बारे में बता चुका हूं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हाल ही में बऊबाजार आये थे. हमने उनसे शिकायत भी की थी. आयात शुल्क, जीएसटी के साथ सोने पर 15 प्रतिशत कर लगता है. मौजूदा कीमत पर टैक्स के कारण करीब आठ लाख रुपये प्रति किलो चुकाना पड़ता है. यानी हर 10 ग्राम पर खरीदार को आठ हजार रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं. यदि आप तस्करी का सोना खरीदते हैं, तो ऐसी कोई बाध्यता नहीं है.
समर डे ने दावा किया कि दो केंद्रीय मंत्रियों से आयात शुल्क और जीएसटी कम करने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा : जब वैट था, तो सिर्फ एक फीसदी टैक्स देना पड़ता था. अब यह तीन प्रतिशत है. हमारी मांग है कि सरकार उस दर को कम से कम 1.5 प्रतिशत करे. इसमें संतुलन है. अगर सोना कानूनी माध्यमों से आता है, तो खरीदारों पर वित्तीय दबाव कम होता है और सरकार का राजस्व भी बढ़ता है. बंगाली गोल्डस्मिथ एसोसिएशन के महासचिव तोगरचंद्र पोद्दार ने भी कहा कि कानूनी रूप से सोना खरीदने और आभूषण बनाने वाले तस्करों का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं.