गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, 88.67 मीटर भाला फेंक डायमंड लीग खिताब किया अपने नाम
ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया हैं. उन्होंने दोहा डायमंड लीग का खिताब जीत लिया है. इस खिताब को जीतने के लिए नीरज चोपड़ा ने 88.67 मीटर भाला फेंका.
ओलंपिक चैंपियन जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग खिताब अपने नाम कर ली है. 25 वर्षीय चोपड़ा ने पिछले सितंबर में स्विट्जरलैंड में 2022 डायमंड लीग फाइनल ट्रॉफी जीती थी. उन्होंने इस खिताब को इस साल भी अपने पास रखा है. उन्होंने अपने स्टाइल में सीजन की शुरुआत में 88.67 मीटर भाला फेंक सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ यह ट्रॉफी अपने नाम कर ली. चोपड़ा ने अपने पहले प्रयास में ही 88.67 मीटर के थ्रो के साथ खाता खोला.
2018 में चौथे नंबर पर रहे थे चोपड़ा
2018 में इस प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा चौथे स्थान पर रहे थे. रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जैकब वडलेज्च ने दूसरे दौर में 88.63 मीटर का थ्रो फेंका, जो भारतीय प्रयास से चार सेंटीमीटर कम था. वाडलेज्च ने टोक्यो ओलंपिक में भी रजत पदक जीता था. उन्होंने पिछले साल दोहा डायमंड लीग में भी 90.88 मीटर थ्रो कर रजत पदक जीता था. मौजूदा विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स, जिन्होंने पिछले साल यहां 93.07 मीटर के मॉन्स्टर थ्रो के साथ इवेंट जीता था, 85.88 मीटर के मामूली सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
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90 मीटर पर है चोपड़ा का ध्यान
नीरज चोपड़ा, जिनके पास 89.94 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ है, अपने पहले प्रयास की गति को बनाये नहीं रख सके. वह चौथे में अपने थ्रो को फाउल करने से पहले भाले को केवल 86.04 मीटर और फिर 85.47 मीटर तक ही भेज सके. उन्होंने अपने पांचवें और छठे प्रयास में 84.37 मीटर और 85.62 मीटर की दूरी तय की. नीरज चोपड़ा का लक्ष्य 90 मीटर भाला फेंकना है. उन्होंने कई बार इस बात को दुहराई है.
A glimpse of the Champion in ACTION🔥 pic.twitter.com/4CLk70tufd
— SAI Media (@Media_SAI) May 5, 2023
चोपड़ा ने 90 मीटर का रखा था लक्ष्य
दोहा मीट में जाने से पहले चोपड़ा ने 90 मीटर के निशान को पार करने का भरोसा जताया था. पिछले साल तीन मुकाबलों में उन्होंने 89 मीटर पार किया था, लेकिन हर बार वह कम पड़ गये. जब उन्होंने स्टॉकहोम में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 89.94 मीटर हासिल किया, तो ऐसा लग रहा था कि उनके निशाने पर पहुंचने से बस कुछ ही कदम दूर हैं, लेकिन ऐसा हो न सका. हालांकि, चोपड़ा ने कहा है कि खुद को चोट से बचाये रखना भी एक बड़ी चुनौती है.