जामताड़ा, उमेश कुमार : झारखंड सरकार किसानों के विकास के लिए सकारात्मक पहल कर रही है. इस पहल के तहत ही अब झारखंड के जंगलों में पाए जाने वाले वनोपज की ब्रांडिंग की जायेगी, जिन उत्पादों की ब्रांडिंग होगी, उसमें लाह, तसर, शहद, इमली, चिरौंजी, साल बीज समेत महुआ आदि शामिल है. मालूम हो कि अलग राज्य बनने के बाद जंगलों में पाये जाने वाले वस्तुओं का उचित कीमत दिला पाना बड़ी समस्या थी. इससे किसानों को परेशानी होती थी. किसानों की इसी परेशानी को देखते हुए हाल के दिनों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिदो-कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ का निर्माण किया है. इसके तहत राज्य के सभी किसानों और वनोपज को एक मंच के नीचे लाया जा रहा है.
सरकार के निर्देश पर सकारात्मक पहल शुरू
किसानों की आय और उनके विकास के लिए आगे की योजनाएं तैयार की गयी है. वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इससे काफी फायदा होगा. किसानों को वनोपज का सही कीमत दिलाने के लिए जिले के सभी लैंपस और पैक्स को सशक्त किया जा रहा है उन्हें आधुनिक स्वरूप देने का कार्य शुरू हो गया है. सरकार के निर्देश पर सकारात्मक पहल शुरू की गयी गयी है. कृषि एवं वनोपज के जरिए आजीविका के नये मौके तैयार किये जा रहे हैं. इससे लैंपसों और पैक्सों को जोरा जा रहा है. यह एक अभियान के तहत जोरा जायेगा. अभियान में जो भी सदस्य जुड़ेंगे उन्हें उचित प्रशिक्षण की सुविधा राज्य सरकार की ओर से दी जायेगी.
बेहतर उत्पाद होगा तैयार
पलाश ब्रांड जैसे मजबूत ब्रांड की तरह ही सिदो-कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ के बैनर तले विभिन्न उत्पादों को बाजार तक पहुंचाया जायेगा. किसानों के उत्पादों के प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग की जायेगी, ताकि एक बेहतर उत्पाद तैयार हो सके. इसके लिए सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज संघ में तीन लेवल पर कार्य होगा. पंचायत स्तर पर लैंपस-पैक्स के जरिए कार्य किया, जायेगा जबकि जिलास्तर पर संघ और राज्य स्तर पर महासंघ कार्य करेगा.
वनोपज के लिए सरकार एमएसपी रेट तय करे
किसान रोजमेरी सोरेन ने कहा कि वनोपज के लिए सरकार एमएसपी रेट तय करेगी. अब गांव के लोगों को महुआ, साल, इमली आदि को लैंपस तक पहुंचाने पर उचित दाम मिलेगा. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. बेरोजगार युवक युवतियों को भी रोजगार मिलेगा. वहीं, किसान लखन मुर्मू ने कहा कि सरकार की यह अच्छी योजना है. वनाेपज को सरकार खरीदाेगी तो किसानों को सही कीमत मिलेगा. बाजार में निर्धारित मूल्य नहीं मिल पाता है, जिस कारण किसान वनोपज को औने-पौने दाम में बेच देते हैं या फिर घर में बर्बाद हो जाता है.
वनोपज उत्पाद लैंपस में किया जायेगा स्टोरेज : डीसीओ
इस संबंध में डीसीओ चंद्रजीत खलखो ने कहा कि जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज सहकारी संघ लिमिटेड की ओर से वन में हुए उपज की खरीदारी की जानी है. इसको लेकर एमएसपी रेट तय किया जायेगा. वनाेपज की खरीदारी कर सभी लैंपस में स्टोरेज किया जायेगा. इस योजना को चालू करने की दिशा में काम किया जा रहा है.