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गुड न्यूज : लॉकडाउन में भी खिले किसानों के चेहरे, कृषि नियंत्रण कक्ष के जरिए बिक रहीं सब्जियां

खूंटी : वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन की वजह से किसान काफी प्रभावित हुए हैं. इस दरम्यान बाजार उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण जिले के किसानों के खेतों में तरबूज बर्बाद होने लगे हैं. इन समस्याओं पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उपायुक्त के निर्देशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी हेमंत सती द्वारा सप्लाई चेन को दुरुस्त करने के लिए पहले स्टेज में एक अनोखी पहल करते हुए जिला स्तरीय डेडिकेटेड एग्रीकल्चर कांट्रोल रुम स्थापित किया गया है. यह कंट्रोल रुम अनुमंडल कार्यालय में स्थापित है. इस कंट्रोल रुम की मॉनिटरिंग स्वयं अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की जा रही है. इस कंट्रोल रुम के तहत जिले के किसानों से प्राप्त सभी तरह की शिकायतों, समस्याओं को पंजीकृत किया जा रहा है, साथ ही उन शिकायतों का 16 घंटे के भीतर समाधान करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं.

खूंटी : वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन की वजह से किसान काफी प्रभावित हुए हैं. इस दरम्यान बाजार उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण जिले के किसानों के खेतों में तरबूज बर्बाद होने लगे हैं. इन समस्याओं पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उपायुक्त के निर्देशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी हेमंत सती द्वारा सप्लाई चेन को दुरुस्त करने के लिए पहले स्टेज में एक अनोखी पहल करते हुए जिला स्तरीय डेडिकेटेड एग्रीकल्चर कांट्रोल रुम स्थापित किया गया है. यह कंट्रोल रुम अनुमंडल कार्यालय में स्थापित है. इस कंट्रोल रुम की मॉनिटरिंग स्वयं अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की जा रही है. इस कंट्रोल रुम के तहत जिले के किसानों से प्राप्त सभी तरह की शिकायतों, समस्याओं को पंजीकृत किया जा रहा है, साथ ही उन शिकायतों का 16 घंटे के भीतर समाधान करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं.

प्रशासन की पहल से खिला किसानों का चेहरा

कंट्रोल रूम की शुरुआत 17 मई से हुई थी. छह दिनों में कुल 56 लोगों ने इस माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कराई है. जिनमें अब तक 48 किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जा चुका है. इसके साथ ही अब तक 4790 क्विंटल तरबूज, 470 क्विंटल स्वीटकॉर्न एवं 310 क्विंटल सब्जियां किसानों के खेतों से उठाकर बाजार तक भेजी जा चुकी हैं. जिला स्तरीय डेडिकेटेड एग्रीकल्चर कांट्रोल रुम के कार्यों का सफल संचालन हेतु जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहाकारिता प्रसार पदाधिकारी, जिला कृषि उत्पादन बाजार समिति सहित चार पदाधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. इन पदाधिकारियों द्वारा पंचायतों के मुखिया से संपर्क कर उनके प्रखंड में किसानों के समक्ष व्याप्त कृषि कार्य से संबंधित समस्याओं की जानकारी ली जा रही है तथा उनका निराकरण किया जा रहा है.

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