राउरकेला एयरपोर्ट से उड़ान रद्द होने, आने-जाने वाली उड़ानों में देरी/डायवर्जन पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) की ओर से विशेष वीएफआर के तहत उड़ान संचालन शुरू करने के लिए सबसे अधिक लागत प्रभावी और त्वरित समाधान अपनाया गया है. जिसके लिए दृश्यता की आवश्यकता केवल 1500 मीटर से अधिक है. इसके लिए सोमवार को राउरकेला हवाई अड्डे पर एप्रोच कंट्रोल यूनिट की स्थापना के लिए सभी जमीनी कार्य पूरा कर लिया गया है. जिससे अब आगामी 24 जनवरी से यहां से विमान सेवा में कोई परेशानी नहीं हाेगी तथा यहां से इंटरनेशनल उड़ान के लिए भी मार्ग प्रशस्त हो गया है.
विदित हो कि सुंदरगढ़ के सांसद जुएल ओराम द्वारा इस एयरपोर्ट की अव्यवस्था को लेकर संसद में सवाल उठाने के बाद यह संभव हो सका है. इसके लिए सचेतन नागरिक मंच के अध्यक्ष व समाजसेवी विमल बिसी ने उनका आभार जताया है. ओडिशा सरकार के प्रधान सचिव सीएंडटी विभाग के अनुरोध पर विशेष वीएफआर के तहत उड़ान संचालन शुरू करने के लिए पहला कदम राउरकेला हवाई अड्डे पर दृष्टिकोण नियंत्रण इकाई स्थापित करना था.
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इसके बाद नव स्थापित दृष्टिकोण नियंत्रण इकाई में काम करने के लिए एटीसी अधिकारियों का प्रशिक्षण आता है. राउरकेला हवाई अड्डा पर एप्रोच कंट्रोल यूनिट की स्थापना के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं जैसे स्थापना के लिए सुरक्षा मूल्यांकन करना, नयी स्थापित एप्रोच कंट्रोल यूनिट में काम करने के लिए एटीसीओ को प्रशिक्षण देना आदि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा नियुक्ति करके पूरी की जाती हैं.
सरोज कुमार साहू, सहायक महाप्रबंधक एटीसी, वरिष्ठ रडार नियंत्रक सह प्रशिक्षक और ओडिशा में आरसीएस कार्यान्वयन के लिए नोडल अधिकारी भी है. कोलकाता और पटना के दो एटीसी अधिकारियों को पहले से ही प्रशिक्षित किया गया था और 21 जनवरी 2024 से नव स्थापित दृष्टिकोण नियंत्रण इकाई में ड्यूटी करने के लिए राउरकेला में रिपोर्ट करने को कहा गया था. वे खुद को राउरकेला हवाई अड्डे से परिचित कर रहे हैं और शुरू करने के लिए एएआइ सीएचक्यू से सबसे महत्वपूर्ण प्राधिकरण पत्र की प्रतीक्षा कर रहे थे.
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नयी इकाई एएआइ सीएचक्यू से प्राधिकरण पत्र मिलने के बाद इंतजार का समय अब खत्म हो गया है. राउरकेला हवाईअड्डे के एटीएस प्रभारी द्वारा पूरे विमानन जगत को सूचित करने के लिए एनओटीएएम कार्रवाई शुरू की गयी है. जिससे आगामी 24 जनवरी, 2024 से अब एयरलाइंस 5000 मीटर से कम लेकिन 1500 मीटर से अधिक दृश्यता होने पर विशेष वीएफआर के लिए उड़ान संचालन का अनुरोध कर सकती है.