Kurmi Protest: रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर, खेमाशुली में भी कुड़मियों का रेल रोको आंदोलन खत्म
Kurmi Protest|खड़गपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि खेमाशुली में कुड़मी समाज ने आंदोलन वापस ले लिया है. जल्द ही खड़गपुर-टाटानगर रेल सेवा सामान्य हो जायेगी. दूसरी ओर, खेमाशुली में रेल सेवा स्वाभाविक होने के बावजूद खड़गपुर-जमशेदपुर मुख्य सड़क जाम है.
पश्चिम बंगाल के खेमाशुली स्टेशन पर भी आदिवासी का दर्जा देने समेत कई मांगों के समर्थन में रेल रोको आंदोलन कर रहे कुड़मी समाज का आंदोलन खत्म हो गया है. रविवार रात करीब 8:12 बजे आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर लगा झंडा को हटा लिया, जिसके बाद एक मालगाड़ी खेमाशुली से टाटानगर की ओर रवाना हुई. खड़गपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि खेमाशुली में कुड़मी समाज ने आंदोलन वापस ले लिया है. जल्द ही खड़गपुर-टाटानगर रेल सेवा सामान्य हो जायेगी. दूसरी ओर, खेमाशुली में रेल सेवा स्वाभाविक होने के बावजूद खड़गपुर-जमशेदपुर मुख्य सड़क जाम है.
बता दें कि 5 अप्रैल से दक्षिण पूर्व रेलवे (दपूरे) के आद्रा मंडल के कुस्तौर स्टेशन पर आंदोलन कर रहे कुड़मी समाज के लोग रविवार को रेल पटरी से हट गये, इससे यात्रियों को थोड़ी राहत मिली. कुस्तौर स्टेशन पर सुबह 11.45 बजे प्रदर्शन समाप्त होने के बाद ही दपूरे 10 और 11 अप्रैल को रद्द की गयी 17 लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू करने की घोषणा की है. जानकारी के अनुसार 17 ट्रेनों में से 8 को परिवर्तित मार्ग से रवाना किया जायेगा, जबकि 9 ट्रेनें अपने निर्धारित समय व मार्ग से ही रवाना होंगी.
13287 दुर्ग-राजेंद्रनगर एक्सप्रेस
12827 हावड़ा-पुरुलिया एक्सप्रेस
18116 चक्रधरपुर-गोमो मेमू एक्सप्रेस
18115 गोमो-चक्रधरपुर मेमू एक्सप्रेस
18183 टाटानगर-दानापुर एक्सप्रेस
18181 टाटानगर-थावे एक्सप्रेस
12883 सांतरागाछी-पुरुलिया एक्सप्रेस
18620 गोड्डा-रांची एक्सप्रेस (10 अप्रैल 2023)
13404 भागलपुर-रांची एक्सप्रेस (10 अप्रैल 2023)
13319 दुमका-रांची एक्सप्रेस (10 अप्रैल 2023)
13304 रांची-धनबाद एक्सप्रेस (10 अप्रैल 2023)
18621 पटना-हटिया एक्सप्रेस (10 अप्रैल 2023)
हटिया-पटना एक्सप्रेस (11 अप्रैल 2023)
18619 रांची-गोड्डा एक्सप्रेस (11 अप्रैल 2023)
खेमाशुली में शाम 7 बजे बिजली गुल हो जाने से आंदोलनकारियों में दहशत फैल गयी. बिजली इलाके सहित आंदोलन स्थल और खेमाशुली रेलवे स्टेशन पर भी अचानक गुल हो गयी, जिससे आंदोलनकारियों के साथ-साथ जानकारों का मानना है कि किसी विषेश रणनीति के तहत ही इलाके से बिजली गुल करा दी गयी है, ऐसे हालात में लाठी चार्ज की आंशका काफी हद तक बढ़ जाती है.