ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन (Wistron) का टाटा ने अधिग्रहण कर लिया है. टाटा ने 125 मिलियन डॉलर में विस्ट्रॉन प्लांट का अधिग्रहण किया है जो भारत में iPhone का निर्माण करेगा. यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह भारत को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा.
केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने विस्ट्रॉन का परिचालन संभालने के लिए टाटा टीम को बधाई दी. उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “आपके योगदान के लिए @Wistron को धन्यवाद, और भारतीय कंपनियों के नेतृत्व में भारत से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने में Apple के लिए बहुत अच्छा कदम है. ”
उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए, चंद्रशेखर ने कहा कि इसने पहले ही “भारत को स्मार्टफोन विनिर्माण और निर्यात के लिए एक विश्वसनीय और प्रमुख केंद्र बनने के लिए प्रेरित किया है.” उन्होंने कहा, “अब महज ढाई साल के भीतर टाटा कंपनियां भारत से घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए आईफोन बनाना शुरू कर देंगी.”
Apple के iPhones मुख्य रूप से पेगाट्रॉन कॉर्प और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप जैसे ताइवानी विनिर्माण दिग्गजों द्वारा असेंबल किए जाते हैं. फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन के साथ विस्ट्रॉन भारत में तीन ताइवानी आईफोन निर्माताओं में से एक है.
विस्ट्रॉन फैक्ट्री कर्नाटक के साउथईस्ट में है. रिपोर्ट की मानें, तो मार्च 2024 तक विस्ट्रॉन इस फैक्ट्री से करीब 1.8 बिलियन डॉलर के Apple iPhone बनाएगी. टाटा इस फैक्ट्री में ग्लोबल मार्केट के लिए iPhone 15 की मैन्युफैक्चरिंग करेगी.
टाटा ने ऐप्पल के साथ अपना कारोबार बढ़ाने के लिए अन्य कदम उठाए हैं, जिसमें बेंगलुरु के पास होसुर में अपने कारखाने के लिए भर्ती की होड़ भी शामिल है, जहां वह आईफोन घटकों का उत्पादन करती है. वह संयंत्र कई सौ एकड़ भूमि पर खड़ा है जहां टाटा आने वाले वर्षों में आईफोन विनिर्माण लाइनें जोड़ सकता है. टाटा ने यह भी घोषणा की है कि वह 1.4 अरब की आबादी वाले देश में 100 एप्पल स्टोर लॉन्च करेगा.
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