सीनी (खरसावां) शचिंद्र कुमार दाश/सत्येंद्र राम: खूंटी के सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रयास से खरसावां विधानसभा क्षेत्र के सीनी आरपीएफ बैरक से उलीडीह तक की 3.5 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य को रेलवे की ओर से हरी झंडी मिल गयी है. अब सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है. चक्रधरपुर रेल मंडल के रेल उपप्रबंधक ने सरायकेला खरसावां जिले के उपायुक्त को एनओसी पत्र प्रेषित कर इस मामले से अवगत कराया है. इधर, रेलवे की ओर से एनओसी मिलने के साथ ही केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सांसद निधि से तत्काल इस काम को शुरू करने की घोषणा की है. पिछले एक दशक से क्षेत्र के लोग इस जर्जर सड़क पर आवागमन करने पर मजबूर हैं.
जर्जर सड़क से आवागमन में होती है परेशानी
सीनी आरपीएफ बैरक से उलीडीह तक की सड़क पूरी तरह से जर्जर है. इस जर्जर सड़क से रोजाना एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग आवागमन करते हैं. गर्मी के मौसम में उड़ती धूल व बारिश के दिनों में सड़क पर बने गड्डों में जल जमाव से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सीनी के आरपीएफ बैरक से यह मुंडाटांड, उलीडीह, गोंगाडीह, सकलडीह, पनरोल, सिन्धरी, डोमजुड़ी, लकड़बाग, गोपीनाथपुर, भालुकपाहड़ी, मधुपुर, रघुनाथपुर, प्रधानडीह, चैतनपुर, गोपीनाथपुर, धातकीडीह, चिताडीह, भलाईडीह, ऊपर दुगनी आदि दर्जनों गांव को जोड़ती है. इसके निर्माण कार्य के पूर्ण होने पर न केवल मोहितपुर, कमलपुर, सीनी सहित आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीण लाभान्वित होंगे. रेलवे लाइन के कारण दो भागों में बंटे सीनी की जनता को भारी राहत मिलेगी.
एनओसी के लिए अर्जुन मुंडा ने रेल मंत्री को लिखा था पत्र
आपको बता दें कि सीनी रेलवे स्टेशन को पार करने का एकमात्र रास्ता रेलवे अंडर ब्रिज है, जिसमें बरसात के दिनों में पानी भर जाता है. हालांकि उस अंडर ब्रिज के इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य भी खूंटी के सांसद अर्जुन मुंडा के सांसद निधि से कराया गया था. एक मात्र अंडर ब्रिज में पानी भर जाने के कारण बरसात के दिनों में सीनी सरायकेला मुख्यालय से कट जाता है. रेलवे आरपीएफ बैरक से उलीडीह तक पहुंचने के लिए सड़क निर्माण की मांग को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों ने सांसद अर्जुन मुंडा से मुलाकात की थी. इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर जनता की परेशानी से अवगत कराया था. चूंकि यह भूमि रेलवे की है. इसलिए सड़क निर्माण के लिए उसका एनओसी आवश्यक था. केंद्रीय मंत्री की पहल से सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है.