Loading election data...

झारखंड की गोपालपुर पंचायत में हैं शहर जैसी सुविधाएं, पूर्व मुखिया लक्ष्मी राम मुर्मू ने किया है शानदार काम

लक्ष्मी राम 2010 में पहली बार मुखिया बने थे. उस समय पंचायत की शिशु-मृत्यु दर 9 से 13 प्रतिशत थी. इसे कम करने के लिए पंचायत के दो स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया. अस्पताल कर्मी भी सजग हुए. मुखिया ने अपने स्तर से भी लोगों और महिलाओं को समझाया. इसका रिजल्ट दिखा.

By Guru Swarup Mishra | August 28, 2023 6:07 AM

बरसोल (पूर्वी सिंहभूम), गौरव पाल: ग्राम पंचायत स्तर पर बेहतर काम हो, तो गांव की तस्वीर बदल जाती है. कुछ ऐसी ही विकास की रोशनी से बरसोल की गोपालपुर पंचायत जगमग कर रही है. इस पंचायत में शहरों से कम सुविधाएं नहीं हैं. स्वास्थ्य समेत बैंकिंग सुविधाएं ग्रामीणों को दी जा रही हैं. पूर्व मुखिया लक्ष्मी राम मुर्मू ने वर्ष 2010 से 2015 तक मुखिया पद पर शानदार काम किया था और अच्छा कार्य करने के कारण उनको पंचायती राज अवार्ड से वर्ष 2012 में नवाजा गया था. आपको बता दें कि यहां के गांवों में शादी-विवाह या अन्य आयोजन पर कचरा फेंकने पर 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है. इससे पंचायत को राजस्व की भी प्राप्ति होता है. लोग इधर-उधर कचरा फेंकने से परहेज करते हैं. इस पंचायत से सबसे नजदीकी स्टेट बैंक 15 किलोमीटर की दूरी पर है. लोगों को बैंक जाने में परेशानी होती थी. मुखिया ने तीन ग्रामीणों को प्रेरित कर गांव में ही पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खुलवा दिया. अब लोगों को बैंकिंग कार्यों के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है. गांव में ही उन्हें बैंकिंग सुविधाएं मिल जा रही हैं. इस तरह इस पंचायत में विकास के कई कार्य हुए हैं.

इस पंचायत में ये हैं कई सुविधाएं

पूर्व मुखिया लक्ष्मी राम मुर्मू ने करीब 10 लाख की राशि खर्च कर यहां के लोगों को सुविधाएं देने का प्रयास किया है. बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, सफाई, पेयजल और बैंकिंग सुविधाओं से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया है. इस पंचायत की आबादी करीब 6000 है. इसमें 12 वार्ड हैं. यहां 19 गांव हैं. 12 तालाब, एक छठ घाट, एक चेकडैम, एक रंगमंच, 22 किलोमीटर सड़क, कचरा डंप करने के लिए अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सार्वजनिक शौचालय आदि का निर्माण करवाया गया है.

Also Read: देहदान की मिसाल: विश्व हिंदू परिषद के दधीचि देवी प्रसाद शुक्ला की बॉडी से अब पढ़ाई करेंगे रिम्स के स्टूडेंट्स

2010 में पहली बार बने थे मुखिया

लक्ष्मी राम 2010 में पहली बार मुखिया बने थे. उस समय पंचायत की शिशु-मृत्यु दर 9 से 13 प्रतिशत थी. इसे कम करने के लिए पंचायत के दो स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया. अस्पताल कर्मी भी सजग हुए. मुखिया ने अपने स्तर से भी लोगों-महिलाओं को समझाया. नवजात की मृत्यु कई कारणों से होती है. इस कारण गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से लेकर प्रसव और उसके बाद भी काफी ध्यान रखने की जरूरत होती है. पहले कई महिलाओं का प्रसव घर पर ही होता था. आज शत-प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य केंद्र में हो रहा है. 50 से 60 प्रतिशत तक आयुष्मान भारत कार्ड यहां बनाए गए हैं.

Also Read: झारखंड के दधीचि देवी प्रसाद शुक्ला पंचतत्व में विलीन,विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

भूमिहीन परिवारों को दिलायी जमीन

भूमिहीन परिवारों को सरकारी स्तर पर जमीन उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जा रहा है. अब तक 10 लोगों को आवास योजना का लाभ मिल चुका है. 10 अन्य लोग कतार में हैं. किसानों को जागरूक कर एक हजार से अधिक फलदार पौधे लगवाए गए हैं.


Also Read: झारखंड का एक इलाका, जहां सिंचाई के लिए किसान मानसून की बारिश पर नहीं रहते निर्भर, लहलहा रही हैं धान की फसलें

500 रुपये का जुर्माना

गांव में शादी-विवाह या अन्य आयोजन पर कचरा फैलाने पर 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है. इससे पंचायत को राजस्व की भी प्राप्ति होता है. लोग इधर-उधर कचरा फेंकने से परहेज करते हैं.

Also Read: डुमरी उपचुनाव: सीएम हेमंत सोरेन चुनावी सभा में बोले, बेबी देवी की जीत तय, अन्य प्रत्याशियों की जमानत होगी जब्त

गांव में ही मिल रही बैंकिंग सुविधाएं

बताया गया कि पंचायत से सबसे नजदीकी स्टेट बैंक 15 किलोमीटर की दूरी पर है. लोगों को बैंक जाने में परेशानी होती थी. मुखिया ने तीन ग्रामीणों को प्रेरित कर गांव में ही पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खुलवा दिया. अब ग्रामीण गांव में ही बैंकिंग का काम कर रहे हैं. कई लोगों ने ग्राहक सेवा केंद्र में खाता भी खुलवाया है.

Also Read: झारखंड में थम नहीं रही मानव तस्करी, साहिबगंज की नौ नाबालिग दिल्ली से करायी गयीं मुक्त

Next Article

Exit mobile version