Gorakhnath Mandir Khichdi Mela 2022: गोरखपुर के ऐतिहासिक खिचड़ी मेले को लेकर गोरखनाथ मंदिर सजाया जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ मकर संक्रांति पर अनोखी पूजा-अर्चना करते हैं. जब सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है तो उस संक्रमण काल को मकर संक्रांति कहते हैं. मकर संक्रांति के पूर्व काल मतलब सूर्योदय काल में शिव के अवतारी माने जाने वाले गुरु गोरक्षनाथ को पिछली कई सदियों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की खिचड़ी चढ़ाते आ रहे हैं.
हर साल की तरह इस बार भी गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाएंगे. गुरु गोरखनाथ को सबसे पहले खिचड़ी गोरखनाथ मंदिर के महंत चढ़ाते हैं. आर्य खिचड़ी सुबह 3:30 से 4:00 के बीच शुभ मुहूर्त में चढ़ाई जाती है. उसके बाद मंदिर का पट आम जनता के लिए खोल दिया जाता है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु दूरदराज से गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए मंदिर में आते हैं.
महापर्व मकर संक्रांति (गोरखपुर के लिए ऐतिहासिक पर्व है) के दिन उत्तर प्रदेश के सीएम और गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर रूप में दिखते हैं. योगी आदित्यनाथ मकर संक्रांति पर गोरखनाथ नाथ संप्रदाय के मान्यता के अनुसार खिचड़ी चढ़ाते हैं. संक्रांति पर बाबा गोरखनाथ के दरबार में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा सदियों पुरानी है. इस युगों पुरानी परंपरा का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ है, जिसका आज भी पूरे आस्था और श्रद्धा के साथ निर्वहन किया जा रहा है. यहां पर कोरोना संकट के पहले तक नेपाल समेत देश के विभिन्न हिस्सों श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने आते रहे हैं.
गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेला को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जारी हैं. कोरोना संक्रमण को देखकर प्रोटोकॉल के अनुरूप तैयारियों को अंतिम दौर में पहुंचाया जा रहा है. कुछ श्रद्धालु एक दिन पहले ही मंदिर में पहुंचते हैं, जिसको लेकर मंदिर प्रशासन व्यवस्था कर रहा है. मंदिर परिसर में जगह-जगह सीसीटीवी लग रहे हैं, जिससे मंदिर और मेला परिसर में आने वालों की निगरानी की जा सके. मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर वॉच टावर की व्यवस्था की गई है. मंदिर और मेला परिसर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की सघन निगरानी रखी जाएगी. इसको लेकर प्रशासन व्यवस्थाएं कर रहा है.
मकर संक्रांति पर सदियों से गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई जाती है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार खिचड़ी के बाद सारे शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. एक माह तक चले इस मेले में दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए रात से श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं. खिचड़ी चढ़ाने और मेले में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, उसे देखते हुए तैयारियां जारी हैं. मंदिर के महंत खिचड़ी चढ़ाते हैं तो उसके बाद मंदिर का पट खोला जाता है.
मकर संक्रांति पर लगने वाले मेले की तैयारी जारी है. यहां दूरदराज से दुकानदार सामानों को लेकर कुछ दिन पहले से ही पहुंच जाते हैं. इस मेले में खाने-पीने के सामानों से लेकर झूले तक लगाए जाते हैं. इस मेले में गोरखपुर, पूर्वांचल से लेकर समूचे उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों के लोग भी आते हैं.
(रिपोर्ट:- प्रदीप तिवारी, गोरखपुर)
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