Gorakhpur News: दिवाली से पहले प्रशासन सख्त, गोरखपुर में लाखों के अवैध पटाखे बरामद

गोरखपुर जिला प्रशासन की टीम ने सोमवार को छोटे काजीपुर मोहल्ले के एक गोदाम में छापा मारा. यहां टीम ने 30 लाख रुपए से ज्यादा की कीमत के अवैध पटाखे बरामद किए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2021 7:13 PM

Gorakhpur News गोरखपुर जिला प्रशासन की टीम ने सोमवार को छोटे काजीपुर मोहल्ले के एक गोदाम में छापा मारा. यहां टीम को विस्फोटकों का जखीरा बरामद हुआ, जिसकी कीमत 30 लाख रुपए से ज्यादा की आंकी जा रही है. यह गोदाम पटाखा कारोबारी सद्दाम खान का है. सद्दाम के पास लाइसेंस भी है, लेकिन घनी आबादी में इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक रखने को लेकर ये कार्रवाई की गई है.

एडीएम सिटी विनीत कुमार सिंह ने बताया कि, शहर में लाइसेंस का कोई प्रावधान नहीं है. इसकी जांच कराई जाएगी कि, आखिर उनका लाइसेंस किस आधार पर बना है. सद्दाम खान का यह वही गोदाम है, जहां वर्ष 1999 में पटाखों के गोदाम में आग लग गई थी. आग पर काबू पाने के लिए उस वक्त जिला प्रशासन को 3 दिन का समय लगा था.

दरअसल, जिला प्रशासन को सूचना मिली कि, गोरखपुर की छोटे काजीपुर घनी आबादी वाले मोहल्ले में अवैध पटाखों का एक गोदाम है. जिस पर कार्रवाई करते हुए एडीएम सिटी ने वहां रविवार रात करीब 1 बजे छापेमारी की.

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छापेमारी की कार्रवाई सद्दाम के छोटे काजीपुर स्थित मकान और ‘ओसामा एंड कंपनी के गोदाम’ में हुई. एडीएम सिटी और पुलिस की टीमों ने दोनों जगहों पर एक साथ छापेमारी की. पुलिस के अनुसार, पटाखे की मात्रा इतनी अधिक है कि, इसको गिनने में कई घंटों का वक्त लग जाएगा. वहीं इतनी बड़ी मात्रा में घनी आबादी में विस्फोटक बरामद होने से अब जिला प्रशासन भी अलर्ट पर है.

एसडीएम सदर कुलदीप मीणा ने बताया कि, सद्दाम खान नाम के पटाखा व्यवसाई के छोटे काजीपुर स्थित गोदाम पर आयशा नाम के पटाखों की लाइसेंस की अनुमति है. यह पार्ट वन शेड्यूल कोर एक्सपेंसिव एक्ट के तहत उसका लाइसेंस जारी होता है. जिसमें की फायरवर्क्स के लिए 300 किलोग्राम और स्पार्कल्स के लिए 1200 किलोग्राम पटाखे की अनुमति मिलती है.

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फिलहाल, जिला प्रशासन बरामद पटाखों का सत्यापन करने मे लगा हुआ है. इसके बाद इस बात की जांच होगी कि, आखिर घनी आबादी में इतनी भारी मात्रा में पटाखे कैसे जमा किए गए. लाइसेंस किस श्रेणी में जारी हुआ, और इसमें विभाग के कौन- कौन लोग संलिप्त हैं.

रिपोर्ट- अभिषेक पांडेय, गोरखपुर

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