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Gorakhpur एम्स सर्वाइकल कैंसर से बेटियों को बचाएगा, ICMR और एम्स की टीम करेगी जागरूक

सर्वाइकल कैंसर से बेटियों और महिलाओं को बचाने के लिए एम्स और आईसीएमआर की टीम गांव-गांव जाकर महिलाओं और बेटियों को जागरूक करेगी. अभियान को 2 साल चलाकर एम्स की टीम रिपोर्ट तैयार करेगी.

गोरखपुर : गोरखपुर एम्स के डॉक्टर अब बेटियों और महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए मैदान में उतरेंगे.इंडियन काउंसिल आफ मेडिसिन रिसर्च (आईसीएमआर) की टीम के साथ डॉक्टर गांव गांव जाकर बेटियों को जागरूक करेंगे.और महिला के गर्भाशय से कोशिकाओं के नमूने लेकर पैप स्मीयर की जांच करेंगे.जांच में अगर महिलाओं और बेटियों की कोशिकाओं में बदलाव मिलेगा तो उनका उपचार के लिए चिन्हित किया जाएगा. यह अभियान 2 साल तक चलेगा.इसके बाद एम्स के डॉक्टरों की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही जागरूकता और उपचार की रणनीति बनेगी. एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर सुरेखा किशोर ने बताया कि एम्स सर्वाइकल कैंसर से बेटियों और महिलाओं को बचाने के लिए शोध करेगा. आईसीएमआर और एम्स की डॉक्टरों की टीम गांव-गांव जाकर शिविर लगाएगी.यह बड़ा शोध है.इसके निष्कर्ष से परिवार कल्याण मंत्रालय को भी अवगत कराया जाएगा .विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक 90% बेटियों के टीकाकरण 70% महिलाओं की स्क्रीनिंग और 90% मामलों में उपचार पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

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यह है शुरुआती संकेत.

एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर 8 मिनट में एक महिला की सर्वाइकल कैंसर से मृत्यु हो जाती है.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त करने का लक्ष्य दिया है. इसे लेकर स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विशेषज्ञ लगातार महिलाओं को जागरुक कर रही हैं. आईसीएमआर के साथ ही एम्स का माइक्रोबायोलॉजी विभाग, पैथोलॉजी विभाग,कम्युनिटी मेडिसिन विभाग और स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभाग मिलकर काम करेगा. एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर 8 मिनट में एक महिला की सर्वाइकल कैंसर से मृत्यु हो जाती है.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त करने का लक्ष्य दिया है. इसे लेकर स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विशेषज्ञ लगातार महिलाओं को जागरुक कर रही हैं. आईसीएमआर के साथ ही एम्स का माइक्रोबायोलॉजी विभाग, पैथोलॉजी विभाग,कम्युनिटी मेडिसिन विभाग और स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभाग मिलकर काम करेगा.

यह है कारण

बार-बार पेशाब आना,सफेद पदार्थ निकलना,सीने में जलन व लूज मोशन, माहवारी अनियमित होना, भूख न लगना या बहुत कम खाना,बहुत अधिक थकान महसूस करना,पेट के नीचे हिस्से में दर्द व सूजन, अक्सर हल्का बुखार व सुस्ती रहना,शारीरिक संबंध की बाद खून निकलना महामारी में ज्यादा ब्लीडिंग होना. हुमन पैपिलोमा वायरस, अनुवांशिकता, धूम्रपान, व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी, कुपोषण, असुरक्षित यौन संबद्ध, एक से ज्यादा यौन साथी.

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यह है सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है.जो गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय के मुंह) से शुरू होता है.यह पूरी दुनिया में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है. यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस नाम की वायरस की संक्रमण के कारण होता है.

एम्स में बनेगा स्क्रीनिंग सेंटर

गोरखपुर एम्स की ओपीडी में आने वाली महिलाओं में से जिन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की आशंका होती है.उनकी जांच की जाती है.हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि 30 वर्ष से ज्यादा आयु वाली सभी महिलाओं को 3 साल पर एक बार जरूर जांच करानी चाहिए.इसके लिए एम्स परिसर में स्क्रीनिंग केंद्र बनाने की तैयारी हो रही है.यहां इच्छुक सभी महिलाओं की जांच की जाएगी.डॉक्टर का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर धीरे-धीरे फैलता है.इस प्रक्रिया में 8 से 10 वर्ष लग सकते हैं जांच हो जाएगी तो पता चल जाएगा.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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