Gorakhpur: गर्मी बढ़ने के साथ बढ़ीं बीमारियां, अस्पताल में उल्टी दस्त के मरीजों का तांता, ऐसे करें बचाव
Gorakhpur News: गोरखपुर में पिछले कुछ दिनों से गर्मी अपना कहर बरपा रही है. उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हो गए हैं. भीषण गर्मी की वजह से गोरखपुर जिला अस्पताल में इस समय उल्टी दस्त के रोगियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है.
Gorakhpur News: गोरखपुर में पिछले कुछ दिनों से गर्मी अपना कहर बरपा रही है. उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हो गए हैं. भीषण गर्मी की वजह से गोरखपुर जिला अस्पताल में इस समय उल्टी दस्त के रोगियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. जिला अस्पताल में मेडिसिन ओपीडी में पहुंचने वाले रोगियों में लगभग 30% उल्टी दस्त के मरीज आ रहे हैं. जिसमें 10% मरीजों को भर्ती होना पड़ रहा है. डॉक्टरों की माने तो दूषित खान पान के चलते भी लोग तेजी से बिमार हो रहे हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि दो-तीन दिन में वह ठीक हो जा रहे हैं.
गोरखपुर जिला अस्पताल में रोज लगभग 500 से ज्यादा मरीज मेडिसिन ओपीडी में आते हैं. इसमें लगभग 150 से ज्यादा मरीज उल्टी दस्त की शिकायत लेकर आ रहे हैं. इसमें कुछ मरीज ऐसे भी आ रहे हैं जिन्हें केवल उल्टी या दस्त हो रही है. कुछ लोगों में दोनों की शिकायत भी आ रही है. बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी इस बीमारी से परेशान हैं. जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. बी के सुमन ने बताया कि इसका मूल कारण दूषित खान पान है. उन्होंने बताया कि बाजारों में खुले रखे हुए सामान और दूषित जल का प्रयोग करने से ऐसी बीमारियां हो रही है. इसलिए बाजार में खुली रखी हुए सामान न खाएं और पानी घर से लेकर जाएं.
Also Read: Aligarh News: जेल में कैदियों ने दिखाए डोले-शोले, जिला कारागार में हुई बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप
डॉ बीके सुमन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बाजार में खुली सामान का प्रयोग ना करें. बासी भोजन से परहेज करें. ज्यादातर चिकनाई वाला भोजन न करें. बच्चों को गर्मी और धूप से बचा कर रखें और हाथ ठीक से धुले. उन्होंने कहा कि बरसात का मौसम आने वाला है और इस मौसम में अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं. इनमें टाइफाइड ,मलेरिया ,चिकनगुनिया ,डेंगू सभी हैं. यह सब बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं. इसलिए मच्छरों से बचकर रहें. उन्होंने कहा कि पूरे बांह के शर्ट पहने शरीर को खुला मत रखें. घरों में जो टूटे-फूटे बर्तन, टायर, कूलर ऐसे पदार्थ जिसमें पानी इकट्ठा होते हैं, उसमें पानी इकट्ठा ना होने दें जिससे मच्छर उसमें अंडे ना दे पाए.
रिपोर्टर – कुमार प्रदीप